श्री ज्वालामुखी मंदिर व अन्य मंदिरों में प्रदेश सरकार धीरे-धीरे जिस प्रकार पाबंदियों में ढील दे रही है उसी तर्ज पर प्रदेश के मंदिरों में जागरण हवन पूजा अर्चना भजन कीर्तन आदि की भी स्वीकृति सरकार व प्रशासन जारी करें ताकि ब्राह्मणों की भी रोजी-रोटी बहाल हो सके।
ज्वालामुखी, आशीष कुमार
विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर व अन्य मंदिरों में प्रदेश सरकार धीरे-धीरे जिस प्रकार पाबंदियों में ढील दे रही है उसी तर्ज पर प्रदेश के मंदिरों में जागरण, हवन, पूजा, अर्चना भजन कीर्तन आदि की भी स्वीकृति सरकार व प्रशासन जारी करें ताकि ब्राह्मणों की भी रोजी-रोटी बहाल हो सके।
जो पिछले साल लगभग नौ महीने और इस साल भी लगभग तीन महीने तक बेरोजगार होकर घरों में बैठे हुए रहे। आज उनकी आर्थिक हालत फिर से खराब हो रही है क्योंकि सरकार ने मंदिरों को तो खोल दिया परंतु जागरण चौकी हवन पूजा कीर्तन भंडारों के ऊपर रोक लगा रखी है जिससे प्रदेश में हजारों परिवारों की रोजी-रोटी संकट में खड़ी है।
इस संदर्भ में ज्वालामुखी क्षेत्र के ब्राह्मण समुदाय से जुड़े लोगों करतार चंद, प्रहलाद, चंदन, राकेश कुमार, अजय कुमार, अमित शर्मा, संजय कुमार, प्रदीप चंद्र, रजनीकांत आदि ने सरकार से मांग की है कि मंदिरों में हवन, पूजा, भजन, कीर्तन, चौकी, भंडारों की भी छूट दी जाए ताकि श्रद्धालु इन पुण्य कार्य को करके अभीष्ट फल प्राप्त कर सके और उनको आयोजित करने में ब्राह्मणों का भी कल्याण हो सके।
उनकी रोजी-रोटी भी चल सके। पहले मंदिर बंद थे तो दुकानदार व अन्य लोगों का भी रोजगार बंद हो गया था, अब मंदिर खुले हैं तो दुकादारों का भी सामान बिक रहा है। इसी तरह से अब अगर हवन, पूजा, कीर्तन भंडारे व चौकी जागरण आदि की मंजूरी मिले तो इस कार्य से जुड़े लोग भी राहत पा सकेंगे।