प्रदेश के पर्यटन विभाग-वाइल्ड लाइफ विंग को जिम्मा
ज्वाली – अनिल छांगु
प्रदेश सरकार के कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी बनाने के ऐलान के बाद यहां संभावनाओं को तलाशने का काम भी शुरू हो गया है। पौंग डैम जलाश्य में जल क्रीड़ा गतिविधियां आरंभ करने को लेकर एक बार फिर से कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए पर्यटन विभाग व वाइल्ड लाइफ के अधिकारी जल्द ही क्षेत्र का दौरा कर एक बड़ा प्लान तैयार करेंगे।
इसके लिए प्रारंभिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले को प्रदेश का पर्यटन हब बनाने के लिए अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से संबंधित सुझाव व क्या कर सकते हैं, इस दिशा में प्रस्ताव देने को कहा है।
कांगड़ा वैली की पर्यटन राजधानी के रूप में पहचान बनाने के लिए यह प्रयास धरातल पर उतरें, तो यहां रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होने और फोरलेन के निर्माण से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और सैलानियों की आवक में भी इजाफा होगा।
ऐसे में नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाएं, तो यहां आने वाले सैलानी अधिक समय तक ठहर पाएंगे, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के लोगों को होगा। यातायात की सुविधा सस्ती व टिकाऊ होगी, तो कांगड़ा घाटी में उच्च श्रेणी के पर्यटक तथा अंतरराष्ट्रीय पर्यटक पहाड़ की ओर आकर्षित होंगे।
प्रदेश में अभी भी पर्यटन के बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। पहाड़ में हेलिपोर्ट व रोप-वे के अधिक से अधिक निर्माण होने और यहां जलक्रीड़ा गतिविधियां शुरू हो जाएं, तो पर्यटन को पंख लगेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के देहरा के गरली में इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स स्थापित करने के ऐलान और वहां पर अधिकारियों को जमीन देखने के निर्देशों से पर्यटन के साथ-साथ खेल गतिविधियों के बढऩे की भी उम्मीद जगी है।
देहरा में ही एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिडिय़ाघर बनाने के प्रस्ताव से जिले का देहरा उपमंडल व आसपास के क्षेत्र भी विकसित होंगे। प्रदेश सरकार के पर्यटन विलेज बनाने के प्रस्ताव पर भी जिला प्रशासन के अधिकारी नरघोटा के बाद रछयालू में भूमि तलाश कर रहे हैं।
उधर, पर्यन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि देखने और प्रस्ताव बनाने को कहा है। इस दिशा में काम चल रहा है।