कर्मचारी जोखिम में ड्यूटी करने को मजबूर, नए भवन के लिए प्रयास अभी तक विफल, ऊना पुलिस थाना भवन जर्जर हालत में
ऊना – अमित शर्मा
ऊना सदर पुलिस थाना जो कि वर्ष 1892 में ब्रिटिश शासनकाल में स्थापित हुआ था, आज अपनी उम्र पूरी कर चुका है। शहर के मध्य स्थित यह थाना भवन इस समय खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुका है। दीवारें दरक रही हैं, छत से प्लास्टर झड़ रहा है।
बरसात के मौसम में पानी टपकने के चलते दस्तावेज और तकनीकी उपकरण खराब हो जाते हैं। इसके बावजूद पुलिसकर्मी दिन-रात आम जनता की सुरक्षा में इसी भवन में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। थाना परिसर में न तो पर्याप्त बैठने की व्यवस्था है, न ही टॉयलेट और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं।
थाने में आने वाले आम नागरिक भी असुविधा महसूस करते हैं, जहां न तो कोई गोपनीयता है और न ही बातचीत के लिए समुचित स्थान। ऐसे हालात में पुलिस कर्मचारियों के साथ-साथ जनता की सुरक्षा और सुविधा भी खतरे में है। बीते वर्षों में थाना भवन को स्थानांतरित करने और नया भवन बनाने की योजनाएं जरूर बनीं, लेकिन प्रशासनिक फाइलों में ये प्रयास दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं।
कोटला कलां और रामपुर जैसे स्थानों में भूमि तलाशने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, रिपोर्टें तैयार होकर शिमला भी भेजी गईं, पर आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, चिकित्सक और पूर्व पार्षदों ने भी इस गंभीर मुद्दे पर आवाज बुलंद की है।
पूर्व पार्षद व समाजसेवी देवेन्द्र वत्स के बोल
ऊना नगर के पूर्व पार्षद व समाजसेवी देवेन्द्र वत्स ने राज्य सरकार से पुराने भवनो की उचित देखभाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन भवनो के रख रखाव के लिए अलग से फंड मुहैया करवाना चाहिए। ताकि समय समय पर इनकी मुरम्मत करवाई जा सिके।
डॉ. विजय डोगरा के बोल
ऊना के डॉ. विजय डोगरा ने कहा कि सदर पुलिस थाना 160 वर्षों से एक भवन में चल रहा है। अब यह भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इस समय पड़ रही भारी बरसात के कारण इस भवन का कुछ भाग गिरना भी शुरू हो चुका है। ऐसे में पुलिस कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए इसका जीणोद्वार करने के साथ-साथ पुलिस थाने को कही अन्य भवन में स्थानातांरित करना चाहिए।
एडवोकेट शिवदत्त वशिष्ट के बोल
एडवोकेट शिवदत्त वशिष्ट ने कहा कि ऊना के मुख्य बाजार में अंग्रेजो के जमाने से बना भवन अव खस्ताहाल अवस्था में पहुंच चुका है। इस एतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए प्रशासन को पहल करनी चाहिए। इसके अलावा इस भवन में पुलिस थाने को कहीं अन्य जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। इस समय भवन की छत्तों से सीमेंट उखड़ना शुरू हो चुका है। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।
युवा विनय शर्मा के बोल
ऊना के युवा विनय शर्मा ने कहा कि पुलिस थाने का भवन कभी भी गिर सकता है। पुलिस थाने में कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार व प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर इस भवन का जीणोद्वार करना चाहिए। भवन को जानलेवा करार देते हुए सरकार से इस पर तुरंत कदम उठाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह पुलिस कर्मचारियों की सुरक्षा का सवाल है और जिम्मेदार प्रशासन की प्राथमिकता भी है। जिस प्रकार पुलिस कर्मी नागरिकों की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में तत्पर रहते हैं, उसी प्रकार यह समाज और सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जाए।
विधायक सतपाल सिंह सत्ती के बोल
ऊना पुलिस थाना को नए स्थान बनाने को लेकर सरकार के समक्ष कई विषय उठाया जाएगा। हालांकि ऊना शहर से सटे दो गांवों में जमीन का चयन किया गया है। लेकिन विभाग की तरफ से किसी तरह की मजूरी नहीं आ रही। इसके लिए थाना का नया भवन बनने का मामला लगातार लटकता जा रहा है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊना सुरेंद्र शर्मा के बोल
ऊना पुलिस थाना भवन की रियेयर कराई जाएगी। पुलिस थाना भवन को शहर से बाहर बनाने के लिए भूमि चयनित करके इसकी फाइल शिमला भेजी गई है। जैसे ही मंजूरी आएगी,उसके बाद भवन बनाने की कवायद शुरु की जाएगी।