हिमखबर डेस्क
क्या ऐसा भी कोई कर सकता है कि पिता की मृत्यु होने पर दो बेटे अंतिम संस्कार के लिए झगड़ पड़ें और एक कहे कि मैं पिता के शव का आधा हिस्सा काटकर उसका अंतिम संस्कार करूंगा। ऐसा तो कोई सोच भी नहीं सकता, लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला के लिधोराताल गांव में 84 वर्षीय बुजुर्ग ध्यानी सिंह की मौत हो जाती है। बुजुर्ग के 2 बेटे थे, लेकिन वह अपने छोटे बेटे देशराज के पास ही रहता था। एक दिन पहले ही उस बुजुर्ग की मौत हो गई, जिसका पता बड़े बेटे किशन को भी चल गया।
अब बारी थी अंतिम संस्कार करने की। छोटे बेटे के मुताबिक उसके पिता की अंतिम इच्छा थी कि मेरी चिता को मुखाग्रि छोटा बेटा ही दे, लेकिन पिता की मौत की खबर सुनते ही बड़ा बेटा भी वहीं पहुंच गया और अंतिम संस्कार की जिद करने लगा। हालांकि उसके छोटे भाई और रिश्तेदारों ने भी समझाया कि अंतिम संस्कार छोटा ही करेगा, लेकिन वह नहीं माना।
बड़ा बेटा कहने लगा कि पिता के शव के दो टुकड़े कर देते हैं, जिसमें से आधे का संस्कार वह करेगा। उसकी बात सुनकर सभी हैरत में पड़ गए और दोनों भाइयों में विवाद बढ़ गया। यह विवाद करीब 5 घंटे तक चलता रहा। इस दौरान शव सडक़ पर ही पड़ा रहा। इसी बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद एक टीम मौके पर पहुंची और विवाद को खत्म करवाया। इसके बाद पिता की इच्छा अनुसार छोटे बेटे ने अंतिम संस्कार किया।
थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी के बोल
जतारा थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि मृतक का बड़ा बेटा नशे में धुत था। वह इस बात पर अड़ गया कि शव को आधा-आधा काटकर दोनों भाइयों में बांट दिया जा, ताकि वे अलग-अलग अंतिम संस्कार कर सकें। दोनों भाइयों के बीच बहस होती रही। इसके चलते 5 घंटे से अधिक समय तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जा सका।
पुलिस की मध्यस्थता के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद पड़ोसियों और घर की राय के अनुसार छोटे बेटे देशराज को अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी गई। इस दौरान बड़ा बेटा किशन और उसका परिवार भी वहीं मौजूद रहा।