जिला कांगड़ा में भारी बारिश से भूस्खलन व पेड़ गिरने के कारण पालमपुर सुजानपुर मार्ग बल भूरियां में बंद हो गया है। खड्ड के पानी का बहाव बढ़ने के कारण इस मार्ग काे बंद किया गया है। सुनेहत के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद किया गया है।
व्यूरो, रिपोर्ट
जिला कांगड़ा में भारी बारिश से भूस्खलन व पेड़ गिरने के कारण पालमपुर सुजानपुर मार्ग बल भूरियां में बंद हो गया है। खड्ड के पानी का बहाव बढ़ने के कारण इस मार्ग काे बंद किया गया है। इसके अलावा देहरा में सुनेहत के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद किया गया है। मार्ग को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग व एनएच विभाग ने मशीनरी लगा दी है। कांगड़ा घाटी रेल सेवा भी ठप हो गई है।
वहीं सुंगल और पढियारखड के बीच मार्ग में पेड़ गिर जाने से मार्ग में कुछ देर तक यातायात जाम लग गया और एक तरफ से यातायात बहाल करवाया गया। वहीं, पट्टी राजपुर में रेलवे ट्रैक को पानी के तेज बहाव से नुकसान पहुंचा है। वहीं डाडासीबा में लोगों के घरों व दुकानों में पानी घुसा है। जिससे लोगों को नुकसान हुआ है। खनियारा में वार्ड नंबर 15 में पांच घरों को पानी ने खूब परेशान किया है। सड़क का पानी लोक निर्माण विभाग ने मेला मैदान गली में डाल दिया है, जिससे पानी लोगों के घरों को जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने बताया कि पालमपुर-सुजानपुर बलभूरिया मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया है। भारी बारिश पानी के बढ़े बहाव के कारण यह मार्ग बंद किया गया है।
देर रात से भारी बारिश होने के कारण पठानकोट-जोगिंदर रेलमार्ग पर ज्वालामुखी रोड (रानीताल) -कोपडलाहड़ रेलवे स्टेशनों के बीच पहाड़ी दरकने से सारा मलबा रेल ट्रैक पर आ गया है। सोमवार को रेलगाडि़यों की आवाजाही पठानकोट से ज्वालामुखी रोड (रानीताल) तक ही हो पाई।
इससे पहले भी 11 जुलाई रविवार रात भारी बारिश के कारण ज्वालामुखी रोड-कांगड़ा रेलवे स्टेशनों के बीच ल्हासे गिरने से रेल ट्रैक आठ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था और 12 जुलाई सोमवार से रेलगाड़ियों की आवाजाही पठानकोट से ज्वालामुखी रोड तक ही रही। रेलवे इंजीनियरों की माने तो रेल ट्रैक को बहाल करने में अब एक सप्ताह लग सकता हैं।
पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर सवा साल के बाद पहली जुलाई से चार रेलगाड़ियां चलनी शुरू हुई थीं, लेकिन भारी बरसात के कारण रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से ज्वालामुखी रोड से आगे फिर रेलगाडि़यां बंद हो गई हैं। जुलाई महीने में अब तक मात्र 13 दिन ही रेलगाड़ियां पठानकोट से बैजनाथ तक आवाजाही कर पाई हैं। इससे रेलवे विभाग के 2019 में दो करोड़ लागत से ज्वालामुखी से कांगड़ा रेलवे स्टेशन तक किए गए मरम्मत कार्यों को भी पोल खुल गई है।
यह बोले रेलवे के प्रबंधक इंजीनियर विनोद कुमार
मंडल रेलवे फिरोजपुर के इंजीनियर विनोद कुमार का कहना है भारी बारिश के कारण ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन से आगे कोपडलाहड़ रेलवे स्टेशन के बीच पहाड़ी दरकने से सारा मलबा रेल ट्रैक के बीच आ गया है। बारिश थमने के बाद ही ट्रैक की मरम्मत हो पाएगी व इसे बहाल करने के लिए काफी समय लग सकता है।