पंचायत सचिव और प्रधान पर गिरी गाज, डीसी ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जारी किया कारण बताओ नोटिस
चम्बा – भूषण गुरूंग
भरमौर विधानसभा क्षेत्र की एक पंचायत के प्रधान और सचिव को उपायुक्त चंबा ने जातर मेले की आय से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में पंचायती राज वित्तीय नियमों के उल्लंघन के आधार पर तीन दिन के भीतर जवाब तलब किया गया है। तीन दिनों के भीतर नोटिस का जवाब न देने पर पंचायत सचिव और प्रधान पर गाज गिरना करीब-करीब तय है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान भरमौर उपमंडल में आयोजित जातर मेले के दौरान दंगल प्रतियोगिता के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर बड़ी धनराशि नकद में निकाली गई और पहलवानों को सीधे भुगतान किया गया।
वर्ष 2022-23 में तत्कालीन पंचायत सचिव ने 4 लाख की नकद निकासी की। वर्ष 2023-24 में प्रधान की ओर से 5 लाख नकद निकाले गए। उक्त भुगतान हिमाचल प्रदेश पंचायती राज नियम 2002 के खिलाफ है।
प्रारंभिक जांच के बाद खंड विकास अधिकारी भरमौर की रिपोर्ट के आधार पर ये नोटिस जारी किए गए। पंचायत सचिव और पंचायत प्रतिनिधि को यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि उक्त अनियमितता उनके कर्तव्यों में लापरवाही क्यों न मानी जाए।
यदि तीन दिनों के भीतर उत्तर प्राप्त नहीं होता तो यह माना जाएगा कि वे अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं करना चाहते और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई आरंभ की जाएगी।
इस नोटिस की प्रतिलिपि निदेशक पंचायती राज विभाग शिमला, जिला पंचायत अधिकारी, खंड विकास अधिकारी भरमौर, और पंचायत सचिव भरमौर को भी भेजी गई है।
ग्राम पंचायत प्रधान अनिल कुमार के बोल
उधर, ग्राम पंचायत भरमौर के प्रधान अनिल कुमार का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं और न ही उनके पास कोई नोटिस आया है।
उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल के बोल
उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने बताया कि पंचायत प्रधान और सचिव को जातर मेले की आय से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का तीन दिनों के भीतर जवाब न देने पर उन दोनों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

