दूल्हे को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा था, पंचायत ने महिला को 5.86 लाख रुपये लौटाने का आदेश दिया, महिला का गांव से बहिष्कार भी होगा।
ऊना – अमित शर्मा
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। इस मामले में 80-90 बारातियों के साथ बारात लेकर आए दूल्हे को बिन दुल्हन के बैरंग लौटना पड़ा था लेकिन अब इस मामले में स्थानीय पंचायत ने दूल्हे के परिवार के पक्ष में अहम निर्देश दिए हैं।
दरअसल, दूल्हा पक्ष ने शादी पर 5.86 लाख रुपये खर्च किए थे और अब इस मामले में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाली महिला से खर्चा लिया जाएगा। महिला ने ही दूल्हे के लिए लड़की का चयन और रिश्ता फिक्स किया था हालांकि, जब बारात गांव पहुंची तो यहां पर महिला की भांडा फूट गया और कोई लड़की और शादी वाला घर मौके पर नहीं मिला था।
इस मामले में पंचायत ने अब फैसला किया है कि आरोपी महिला शादी में हुए खर्च की पूरी राशि दूल्हे के परिवार को देगी। इसके अलावा, गांव में भी आरोपी महिला का बहिष्कार किया जाएगा। पंचायत महिला को गांव से भी निकालने के लिए कोशिश कर रही है क्योंकि महिला पहले भी धोखाधड़ी केस में आरोपी रही है। छह दिन के भीतर आरोपी महिला और उसके पति को दूल्हे पक्ष को यह पूरा पैसा देना होगा। वर्ना पुलिस केस भी दर्ज कर सकती है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सूबे के ऊना जिले के हरोली के सिंगा गांव में मंगलवार को यह घटना पेश आई थी। ऊना के ही कुटलैहड़ के नारी गांव से बारात यहां पहुंची थी, कुल 80-90 लोग बारात लेकर यहां पहुंचे तो उन्हें दुल्हन का घर नहीं मिला। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि दुल्हे और परिवार को जो लड़की दिखाई थी, वो तो यहां पर रहती ही नहीं है। पंचायत घर सिंगा में बाराती एकत्र हुए और फिर यहां पर काफी गहमागहमी देखने को मिल थी।
दूल्हे के परिवार ने बिलौचिये का काम करने वाली महिला पर आरोप लगाए थे। यह महिला स्थानीय थी और इसी ने लडक़े की शादी का प्रस्ताव दिया था। घटना के दौरान बिचौली महिला फरार हो गई थी। बारातियों ने पंचायत प्रधान से जब लड़की के बारे में पूछा था तो उन्होंने गांव में किसी भी शादी से इंकार किया था।
पुलिस तक भी यह मामला पहुंचा था, लेकिन किसी भी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को आपस में मामला सुलझाने के लिए कहा था।

