मंडी – अजय सूर्या
ढाई वर्ष पहले मंडी शहर को 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु अस्पताल की सौगात तो मिल गई लेकिन उसके बाद सरकार यहां अतिरिक्त स्टाफ को तैनात करना ही भूल गई है।
आज आलम यह है कि जोनल हॉस्पिटल मंडी के लिए जो स्टाफ तैनात किया गया है उसी के दम पर इस एमसीएच को चलाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन की चेयरमैन अरूणा लुथरा ने पूरे जोनल हास्पिटल में स्टाफ नर्सों के 45 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 10 से 15 पद विभिन्न कारणों से रिक्त चल रहे होते हैं।
एमसीएच के संचालन के लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है और इसके लिए सीएम से मिलकर भी बात रखी है लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
जो मौजूदा स्टाफ है उसपर काम का बहुत ज्यादा दबाव है। कभी कभी एक नर्स को दो-दो वार्ड भी हैंडल करने पड़ रहे हैं।यदि एमसीएच में पूरा स्टाफ तैनात हो जाए तो यहां और भी सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं जोकि अभी तक बंद पड़ी हुई हैं।
इन्होंने प्रदेश सरकार से एमसीएच के सही संचालन के लिए जल्द से जल्द अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने की मांग उठाई है।
एमएस डॉ. डीएस वर्मा के बोल
वहीं, जब इस बारे में जोनल हॉस्पिटल मंडी के एमएस डॉ. डीएस वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एमसीएच में अभी कुछ सुविधाएं स्टाफ की कमी के कारण शुरू नहीं की जा सकी हैं।
एमसीएच के लिए अलग से स्टाफ की स्वीकृति सरकार और विभाग के उच्चाधिकारियों के स्तर पर होनी है। पत्राचार के माध्यम से इसकी जानकारी दे दी गई है। जैसे ही अतिरिक्त पद स्वीकृत होंगे तो उसके बाद ही बाकी सुविधाओं को शुरू किया जा सकेगा।
बता दें कि मंडी जिला में केंद्र सरकार के माध्यम से दो एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पतालों का निर्माण हुआ है जिनमें एक मंडी जिला मुख्यालय पर तो दूसरा सुंदरनगर में स्थित है।
यहां पर इनके भव्य भवन बनाकर जनता को समर्पित तो कर दिए गए हैं लेकिन स्टाफ की कमी से इनका सही ढंग से संचालन नहीं हो पा रहा है।