ज्वाली – अनिल छांगु
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण लगातार नुकसान हो रहा है। जिला कांगड़ा के सिविल अस्पताल ज्वाली के पास भारी भूस्खलन हुआ। सिविल अस्पताल ज्वाली के पुराने भवन के पास हुए भू स्खलन की चपेट में नौ लोग आ गए। समय रहते पुलिस, चिकित्सकों व स्थानीय लोगों द्वारा इनका रेस्क्यू कर इन्हें तुरंत बाहर निकाला गया।
इनमें से चार काे गंभीर चोट पहुंची है, जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ज्वाली में भर्ती करवाया गया है। घायलों में दंपती सहित दो बच्चे भी शामिल हैं। हादसा रात ढाई बजे के करीब हुआ। इस दौरान सिविल अस्पताल के पुराने भवन के पास भू स्खलन हुआ और यहां पर अस्पताल भवन की सुरक्षा को लेकर बनाया गया डंगा भी गिर गया।
भू स्खलन की चपेट में आए वह श्रमिक शामिल रहे, जो यहां पर सिविल अस्पताल के नए भवन के निर्माण को लेकर झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। घायलों में संजय कुमार (33), पत्नी राधा देवी (25), बच्चे अनुराग (5) व रागिनी (7) शामिल हैं।
हादसे का पता लगते ही पुलिस, अस्पताल के चिकित्सक व असप्ताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार तुरंत मौके पर पहुंचे और मलबे के नीचे दबे लोगाें को तुरंत सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस भूस्खलन व डंगे के भी गिरने से पुराने अस्पताल भवन को भी गिरने का खतर बन गया है।
अस्पताल प्रशासन द्वारा सिविल के पुराने भवन के पूरी तरह से खाली करवा दिया है व यहां रह रहे मरीजों सहित ओपीडी को भी नए अस्पताल भवन में स्थानातंरित कर दिया है।
बता दें कि सिविल अस्पताल के पुराने भवन के साथ ही नया भवन बनाए जाने का कार्य चला हुआ जिसका अधिकतर काम पूरा हो चुका है। ऐसे में सिविल अस्पताल के पुराने सहित नए भवन में भी ओपीडी चल रही थी। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा भी मौके पर आकर जायजा लिया गया है।
डा. ईशान मोहम्मद, एसएमओ ज्वाली के बोल
रात ढाई बजे के करीब हादसा हुआ है। भू स्खलन की चपेट में आए नौ लोगों को रेस्क्यू किया गया है। दो लोगों को ज्यादा चोट पहुंची है, उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुराने सिविल अस्पताल के पास गिरे डंगे के कारण भवन को नुकसान का खतरा बना है। सभी मरीजाें व ओपीडी को नए भवन में स्थानातंरित किया गया है। लोनिवि को डंगा लगाने के लिए कहा गया है।
मनोहर लाल शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, ज्वाली के बोल
डंगा गिरने की जानकारी विभाग के पास आई है। मौसम के साफ होते ही डंगे का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि भवन को कोई नुकसान न होने पाए।