हमीरपुर, व्यूरो
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद जेई इलेक्ट्रिकल भर्ती परीक्षा का संशोधित परिणाम शनिवार को घोषित कर दिया है। जो अभ्यर्थी नौ माह पूर्व चयनित हुए थे, उनमें करीब 50 फीसदी अब संशोधित परीक्षा परिणाम के बाद बाहर हो गए हैं। आयोग ने जून 2018 में पोस्ट कोड 663 के तहत जेई इलेक्ट्रिकल के 222 पद भरने के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए डिप्लोमा और डिग्री धारक दोनों ने आवेदन किया था। आवेदन आने के बाद आयोग ने 18 नवंबर 2018 को लिखित परीक्षा और एक अप्रैल से छह अप्रैल 2019 तक 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा ली थी।
इस बीच, जेई डिप्लोमा धारक अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए डिग्री धारकों को अयोग्य बताते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी। मामले में सुनवाई करते हुए अगस्त 2020 को उच्च न्यायालय ने डिप्लोमा धारकों की अपील को सही बताते हुए डिग्री धारकों को अयोग्य करार दिया। न्यायालय के फैसले के बाद आयोग ने सितंबर 2020 में इस भर्ती का परिणाम घोषित कर दिया। इस भर्ती से बाहर हुए डिग्री धारकों ने उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। सर्वोच्च न्यायालय ने आगामी फैसले तक इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
इसके चलते चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां नहीं हो पाईं। अब बीते सात अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में जेई इलेक्ट्रिकल के पदों के लिए डिप्लोमा और डिग्री धारक दोनों को पात्र बताया। इसके चलते आयोग को पूर्व में घोषित परिणाम को फिर से संशोधित मेरिट के आधार पर शनिवार को घोषित करना पड़ा है। संशोधित परिणाम में करीब पचास फीसदी डिप्लोमा धारक बाहर हो गए, जिनकी जगह पर अब डिग्री धारकों को सफल घोषित किया गया है।
उधर, चयन आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर ने बताया कि शनिवार को आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद संशोधित परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें 215 का चयन किया गया है। ओबीसी स्वतंत्रता सेनानी वार्ड के 4 पद, एसटी पूर्व सैनिक का एक पद तथा एससी स्वतंत्रता सेनानी वार्ड के 2 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने से कुल सात पद खाली रह गए हैं।