जब किसी ने नहीं सुनी फरियाद, त्रिलोकपुर वासियों ने एकजुट होकर खुद बना डाला रास्ता

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कोटला – स्वयम  

जब हिम्मत-लगन और लक्ष्य एकजुट हों तो कोई भी कार्य कठिन नहीं होता। ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के निवासियों ने इस मिसाल को सच भी साबित कर दिखाया है। ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर को जोड़ने वाला सदियों पुराना मार्ग पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माणकार्य के कारण ध्वस्त हो गया था, जिसके कारण लोगों को आवागमन करना मुश्किल हो रहा था।

फोरलेन निर्माणकार्य कर रही कंपनी में आश्वासन दिया था कि जैसे ही फोरलेन निर्माण का काम खत्म होगा तो रास्ते को बना दिया जाएगा। कार्य भी खत्म हो लेकिन कंपनी ने रास्ता नहीं बनाया। रास्ते के बंद हो जाने से लोगों को प्राकृतिक शिव मंदिर त्रिलोकपुर तक पहुंचने के लिए 32मील या कोटला तक का लंबा सफर तय जाना पड़ रहा था जबकि इस रास्ते से लोग आसानी से पहुंच जाया करते थे। इस रास्ते को बनाने के हर जगह फरियाद लगाई लेकिन रास्ता नहीं बन पाया।

आखिरकार त्रिलोकपुर वासियों ने एकजुट होकर रास्ते का निर्माण करने का प्लान बनाया। सबसे पहले त्रिलोकपुर के निवासी रवि कुमार ने इस रास्ते के निर्माण के लिए श्रमदान शुरू किया तथा बाद में गांव पूर्व प्रधान सरूप कृष्ण, छोटू राम, रवि कुमार, सुनील कुमार, करतार सिंह, कपिल देव, दिनेश कुमार, रमन कुमार, निखिल, रोहित आदि भी उनके इस कार्य में कड़ी बनकर जुट गए।

सभी ने एकजुट होकर एक सप्ताह मेहनत कर पहाड़ी को काटकर इस रास्ते को ठीक कर दिया। इस श्रमदान में बयोवृद्ध भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने भी युवाओं के साथ कार्य किया। त्रिलोकपुर निवासी 75 वर्षीय छोटू राम ने श्रमदान कर एक मिसाल पेश की। अब रास्ता बनने से लोग आसानी से पैदल आवागमन कर सकते हैं तथा उनको लंबा सफर तय करने से भी निजात मिलेगी।

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