छोटी काशी मंडी में 15 नवंबर को पहली बार माण्डव्य महोत्सव होने जा रहा है, नगर निगम मंडी द्वारा ये महोत्सव करवाया जा रहा है।
मंडी – अजय सूर्या
माण्डव्य ऋषि की नगरी छोटी काशी मंडी में 15 नवंबर को पहली बार माण्डव्य महोत्सव होने जा रहा है। छोटी काशी मंडी में माण्डव्य महोत्सव मनाने की ये पहल नगर निगम मंडी द्वारा की जा रही है। माण्डव्य महोत्सव के दौरान सबसे पहले भगवान राम माधव राय की पूजा अर्चना की जाएगी।
उसके बाद मंडी शहर से लेकर ब्यास नदी के तट स्थित माण्डव्य शिला तक शोभायात्रा निकाली जाएगी और फिर बड़े हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में चार चांद लगाने के लिए इलाके के सभी देवी-देवता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। वहीं, इस दौरान ब्यास तट पर छोटी काशी के इतिहास को दर्शाती हुई प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
नगर निगम मंडी मेयर वीरेंद्र भट्ट के बोल
नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि शहर के चौहट्टा बाजार से ये शोभा यात्रा शुरू होगी। जिसके बाद ये शोभा यात्रा मोती बाजार, समखेतर मोहल्ला व शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ से होते हुए माण्डव्य शिला ब्यास तट में संपन्न होगी।
इस महोत्सव के लिए मंडी शहर की कई धार्मिक व स्कूली संस्थाएं भी आगे आकर मदद कर रही है. नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने इस माण्डव्य महोत्सव सफल बनाने के लिए क्षेत्र के सभी देवी-देवताओं व शहरवासियों से महोत्सव में आने की अपील की है।
माण्डव्य ऋषि के नाम पर मंडी शहर का नाम
बता दें कि मंडी शहर को ऋषि माण्डव्य की तपोस्थी कहा जाता है। पौराणिक धार्मिक मान्यता है कि प्राचीन काल में माण्डव्य ऋषि ने ब्यास नदी (वैदिक नाम विपाशा) के तट पर मौजूद शिला पर कई साल तपस्या की थी। ये शिला शहर के भ्यूली पुल के पास ब्यास नदी के बीच आज भी मौजूद है। इसी शिला को माण्डव्य शिला के नाम पर जाना जाता है। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि माण्डव्य ऋषि के नाम पर ही शहर का नाम मंडी रखा गया है।