सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश की चूड़धार चोटी व चूड़ेश्वर महाराज के कई चमत्कारों को आपने अक्सर सुना व देखा होगा। ऐसा ही एक किस्सा रविवार को सामने आया है जिसमें शिरगुल महाराज की कृपा से एक श्रद्धालु की जान बच गई है। रास्ता भटके एक श्रद्धालु को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
दरअसल, हुआ यूं कि चंडीगढ़ का निवासी 32 वर्षीय अंकुश अपने दोस्त सतविंदर सूद के साथ चूड़धार की यात्रा पर निकला। इसी दौरान उन्होंने एक गंभीर संकट का सामना किया। यात्रा के दौरान, जब वे नौहराधार से पैदल जा रहे थे तो अंकुश रास्ता भटक गया और जंगल में बड़ी-बड़ी पत्थरों के बीच फंस गया।
दोस्त सतविंदर को लगा कि अंकुश उसके पीछे चल रहा है और वह चूड़धार पहुंच गया। लेकिन अंकुश रास्ते में ही फंस गया। रात के लगभग 9 बजे अंकुश ने अपने दोस्त से संपर्क किया और बताया कि उसकी स्थिति बेहद गंभीर है और वह रास्ता भटक गया है अब वह चलने में भी असमर्थ है। फोन की बैटरी भी 1% रह चुकी है।
सतविंदर ने तुरंत 112 हेल्पलाइन पर सहायता की मांग की। थाना चौपाल ने पुलिस आरक्षी अखिल कुमार को अंकुश के मोबाइल लोकेशन की जानकारी दी। आरक्षी अखिल व सतविंदर ने तुरंत चुडधार से तीसरी नौहराधार की ओर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन अंकुश का कोई सुराग नहीं लग रहा था।
जंगल में पहुंचकर जब वे अंकुश को आवाज देने लगे, तो प्रारंभिक प्रयासों में सफलता नहीं मिली। लेकिन, रात के लगभग 11:30 बजे, आरक्षी अखिल ने जंगल में भोले शंकर के जयकारे लगाना शुरू किया। जयकारों की आवाजें अंकुश को सुनाई दी जिस पर उसने भी जोर से जयकारा लगा अपनी उपस्थिति का संकेत दिया।
पुलिस जवानों ने उसकी आवाज सुनी और अंततः उसे खोज निकाला। अंकुश को बड़ी मुश्किल से रात के लगभग 1:30 बजे चुडधार लाया गया। चुडेश्वर सेवा समिति के कर्मचारियों ने उसे और उसके मित्र को भोजन कराया और ठहरने की व्यवस्था की।
अंकुश ने पुलिस और सेवा समिति के कर्मचारियों को दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि अगर उनकी मदद नहीं की जाती, तो शायद वह जंगल में पूरी रात नहीं गुजार पाते। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन ने यह साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी समर्पण और प्रयास के साथ मानवता की सच्ची सेवा संभव है।