पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शुरू हुई शोभायात्रा में प्राचीन मंदिर जामू से भगवान परशुराम, कटाह, मंडलांह और माशू से चार देवताओं ने मेले में अपनी हाजिरी भरी। इस मर्तबा देव पालकियों को ददाहू स्थित खेल मैदान की बजाय गिरि नदी किनारे बनाए गए अस्थायी पंडाल में लाया गया।

जहां से पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि व ढोल नगाड़ों की थाप व बैंड बाजों के शोरगुल के बीच रेणुकाजी तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो शाम छह बजे ददाहू बाजार से रेणुका जी तीर्थ त्रिवेणी संगम पहुंचेगी, जहां मां रेणुका जी व भगवान परशुराम का ऐतिहासिक मिलन होगा।

ये रहे उपस्थित

इस मौके पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।