श्री रेणुका जी, 22 नवंबर – नरेश कुमार राधे
बुधवार को मां-बेटे के मिलन के प्रतीक अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला शुरू हो गया है। हर बरस की तरह अपनी जन्मस्थली जामू कोटी से चांदी की पालकी में भगवान परशुराम माता रेणुका से मिलने रेणुका पहुंचे। सप्त चिरंजीवियों में से एक भगवान परशुराम के बारे में माना जाता है कि वह एक ऐसे जीवित योद्धा हैं जो सदियों से पृथ्वी पर आज भी मौजूद हैं।
ढोल नगाड़ों की मधुर ध्वनि के बीच भगवान परशुराम की भव्य शोभा यात्रा शुरू हुई। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव का सहर्ष स्वागत किया व पालकियों में माथा टेककर आशीर्वाद लिया। हालांकि अस्वस्थ होने के कारण इस बार सूबे के मुख्यमंत्री मेले का शुभारंभ नहीं कर पाए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने ददाहू के समीप गिरी नदी के तट पर देवताओं का स्वागत करने के साथ भगवान श्री परशुराम की पालकी को कंधा देकर मेले का विधिवत शुभारंभ किया।

इस दौरान उन्होंने ददाहू से शुरू हुई विशाल शोभायात्रा की आगवानी भी की। इसी के साथ छह दिन चलने वाले अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का आगाज हो गया है।

