कोटला – स्वयम
पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्राकृतिक शिव मंदिर के पास चल रहे पहाड़ी की कटाई का मंज़र हर किसी को दहशत में भर रहा है। शनिवार देर रात इसी जगह पर पहाड़ी की कटाई के चलते भारी भूस्खलन से तीन जेसीबी पोकलेन मशीनें दब गई थी, एवं पूरा मार्ग भारी भरकम चट्टानों से भर गया था और राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद हो गया था।
जिसे दूसरे दिन पोकलेन मशीनों से चट्टानों को काटकर एवं मलवा हटाकर रविवार को देर शाम खोल खोल दिया गया था एवं पिछले दो दिनों से इस स्थान पर रूके हुए ट्रकों, ट्रालों एवं अन्य वाहनों को निकाल दिया गया था। उसके बाद देर रात से रूक-रूक कर इस जगह पर पहाड़ी कटाई का कार्य बदस्तूर जारी चल रहा है।
वाहनों की आवाजाही भी दिन में कई कई घंटो के अंतराल में बंद रही। वाहनों को 32मील- त्रिलोकपुर -सोहल्दा- कोटला सम्पर्क मार्ग से भेजा जाता रहा। इस सम्पर्क मार्ग पर 32 मील के पास मोड़ के टूटे हुए मार्ग पर कई कई घंटे जाम की स्थिति बनी रही। 32 मील से कोटला लगभग 10 किलोमीटर का सफर कई कई घंटो का सफर बन रहा है।
फोरलेन निर्माण कंपनी की गलती से पिछली बरसात में टूटे इस स्थान की हालत बिल्कुल ही बद्तर हो गई है, इस स्थान पर धूल मिट्टी के गुब्बार से रास्ता दिखना भी मुश्किल हो रहा है। इस स्थान पर बने मोड़ पर बसों एवं ट्रकों को बैक करके निकाला जा रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
त्रिलोकपुर के प्रधान दुर्गा दास, उपप्रधान राहुल, स्थानीय निवासियों रविन्द्र कुमार, राजीव, साहिल, सचिन, पंकज, बलदेव आदि ने प्रशासन से मांग की है, बरसात के मौसम शुरू होने से पहले इस जगह डंगा लगाकर इस मार्ग को सुधारा जाए।
वहीं एसडीएम ज्वाली बिचित्र सिंह ने त्रिलोकपुर के पास हुए भारी भूस्खलन वाले स्थल एवं पहाड़ी पर खतरे में नज़र आ रहे जर्म सिंह, सुमना देवी, रोहित शर्मा, अविनाश गिर एवं तिब्बती बौद्ध मोनेस्ट्री में जाकर उन्हें इन मकानों को खाली करके अन्य जगहों में शिफ्ट होने के निर्देश दिए हैं।