वैसे तो सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर में जल की योजना को साकार करने का दावा कर रही है। लेकिन ऐसी स्कीम का भी क्या फायदा कि लोगों को मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़े।
धर्मशाला, राजीव जस्वाल
वैसे तो सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर में जल की योजना को साकार करने का दावा कर रही है। लेकिन ऐसी स्कीम का भी क्या फायदा कि लोगों को मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़े। इसकी वजह भी यही है कि मुख्य जल स्रोत से पानी का दोहन कर टैंकों में डाला गया और उनसे पानी की सीधी सप्लाई दी जा रही है। इससे बरसात के दिनों में दरिया का मटमैला पानी आना स्वाभाविक ही है। ऐसा ही मामला जल शक्ति अनुभाग टंग नरवाना के तहत पड़ने वाली सालग जतैहड़ स्कीम ओर टंग उथडाग्रां स्कीम का सामने आया है।
यहां इक्कू खड्ड के मुहाने से पानी का दोहन कर सालग में वाटर टैंक बनाए गए हैं। जिससे सालग, अंदराड़, टिकरी, टंग उथडाग्रां तथा तंगरोटी गांवों को जल आपूर्ति की जाती है। हैरानी तो इस बात की है कि यहा फिल्टर बेड न होने की वजह से बरसात के दिनों में मटमैला पानी आता है जिससे गावो मे संक्रामक बीमारियों का अंदेशा बना रहता है। लोगों ने जल शक्ति विभाग से ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की मांग की है, ताकि खास तौर पर बरसात के दिनों में स्वच्छ पानी मिल सके।
स्थानीय निवासी राजेंद्र बड़जातिया, सुरेंद्र चौधरी, अंकेश डोगरा ने कहा कि इस स्कीम के तहत अक्सर बरसात के दिनों में मटमैला पानी पीने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ता है। पंचायत के माध्यम से जल शक्ति विभाग ओर स्थानीय विधायक को भी अवगत कराया गया है। बरसात के दिनों में नलो मे मिट्टी वाला पानी आने से लोगो ने नलों में कपड़ा बांध कर पानी को फिल्टर कर रहे हैं। विभाग इस ओर ध्यान दें।
अंदराड़ पंचायत प्रधान शालिनी देवी ने बताया जल शक्ति विभाग को मुख्य जल स्रोत पर फिल्टर बेड बनाने के लिए पंचायत की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि लोगों को साफ पानी मिल सके।
उधर जल शक्ति विभाग मंडल धर्मशाला अधीशाषी अभियंता सरवन ठाकुर ने बताया इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सालग-जतेहड़ स्कीम के लिए ट्रीटमेंट प्लांट अनुमानित दो करोड़ रुपये तथा तंगरोटी में बोर वेल का कार्य जल्द शुरू किया जा रहा है।