कोपड़लाहड़ के पास भूस्खलन से बह गई जमीन, हवा में लटकी रेल की पटरी

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कोपड़लाहड़ के पास भूस्खलन से अगले छह महीने तक रेल यातायात बहाल होने की आस नहीं

नगरोटा सुरियाँ – शिव गुलेरिया

पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर ज्वालामुखी रोड, रानीताल व कोपडलाहड़ के बीच भारी वर्षा के कारण मंगलवार को रेल लाइन के नीचे की मिट्टी बह जाने से करीब 300 मीटर रेल पटरी हवा में लटक गई है।

पिछले दिनों से हो रही भारी बारिश से कांगड़ा घाटी में चलने वाली यह रेल लाइन अब फिर बंद हो गई । लोग पहले ही इस रेलमार्ग के बंद होने से काफी परेशान है इसलिए सरकार को अब नगरोटा सूर्य तथा आसपास के क्षेत्रों के नाम पठानकोट इत्यादि जाने के लिए बस सेवा को और बढ़ाना चाहिए ।

बताया जा रहा है कि सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण रेल लाइन के एक ओर पहाड़ी की तरफ पानी निकासी के लिए बनी नाली में भारी मात्रा में तेज रफ्तार पानी आने से कोपडलाहड़ के पास बनी सुरंग से रानीताल की ओर 300 मीटर मिट्टी बह जाने से रेल लाइन हवा में लटक गई।

जिस तरह रेल लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। जिस तरह से यह लाइन के नीचे भूस्खलन हुआ है तो उससे लगता है कि अगले छह महीने तक रेल यातायात बहाल नहीं हो पाएगा। रेलवे चक्की पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद अब कोपडलाहड में रेलवे विभाग को यह एक बड़ा नुकसान पहुंचा है।

रेल लाइन के नीचे की मिट्टी बही

पठानकोट – जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर चक्की खड्ड पर बने रेलवे पुल के गिर जाने के बाद फिलहाल दो रेलगाडिय़ां नूरपुर रोड से बैजनाथ तक आवाजाही कर रहीं थी। है

युद्ध स्तर पर शुरू होगा रेल लाइन बहाली का काम

उत्तर रेलवे मंडल फिरोजपुर की मंडल रेलवे प्रबंधक डॉ सीमा शर्मा ने बताया कि बरसात का मौसम साफ होते ही क्षतिग्रस्त रेल लाइन की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा। और रेल यातायात को बहाल किया जाएगा।

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