शिमला, 28 मई – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में 108 एम्बुलेंस हमेशा लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है। कई महिलाओं की हालत नाजुक होने पर भी एम्बुलेंस में सफल प्रसव करवाने में कामयाब हुई है। लेकिन इस बार जो कार्य इनके द्वारा किया गया वह सच में काबिले तारीफ है।
ऐसे ही मंझोली तहसील कुपवी में 108 एम्बुलेंस की टीम ने मां व बच्चे की जान बचा एक बार फिर साबित किया कि 108 एम्बुलेंस सर्विस लोगों के लिए वरदान है। मंगलवार को ऋषिता (20) पत्नी रंजीत निवासी कुपवी का सुबह 5:39 पर 108 पर कॉल आया। उन्होंने बताया कि यहां महिला को तेज प्रसव पीड़ा हो रही हैं।
सूचना मिलते ही ईएमटी विनोद पायलट रमेश को इस केस का जिम्मा मिला, जिसके बाद एम्बुलेंस सीएचसी हरिपुरधार से टीम सहित मौके के लिए रवाना हुई। वहां पहुंचे तो पाया कि महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती जा रही थी और हालत काफी नाजुक बनी हुई है।
ईएमटी विनोद ने मरीज का चेकअप किया तो जांच में पाया कि बच्चे की नाल गले में लिपटी हुई थी। जिससे बच्चे व मां दोनों को खतरा हो सकता था। ईएमटी विनोद ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत अपने ERCP डॉक्टर एके, एंथल से संपर्क किया और उन्हें सारी स्थिति के बारे में बताया।
डॉक्टर की सलाह के बाद आनन-फानन में एंबुलेंस टीम ने रास्ते में ही डिलीवरी करवाने का निर्णय लिया। सुबह 7:21 पर महिला ने बेटे को जन्म दिया और टीम सफल प्रसव करवाने में सफल हुई। अब जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ है।
ईएमटी विनोद का कहना है कि पहाड़ में आज भी स्वास्थ्य जैसी सुविधा से लोग वंचित है और इस तरह की घटनाएं होने पर कई बार जान भी गंवानी पड़ती हैं। ऐसे में महिला के लिए पहाड़ों में 108 एंबुलेंस सर्विस वरदान साबित होती हैं। ये पहला मामला नहीं हैं, जिसमें परिवार को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा।
ईएमटी विनोद का कहना है कि वह अपने 13 साल के कार्यकाल में 108 एम्बुलेंस में लगभग 450 के आस-पास सफल प्रसव एंबुलेंस में करवा चुके हैं। जिसके लिए वह अपना आदर्श डॉक्टर ललित महाजन को मानते हैं, जोकि मेडिकल कॉलेज नाहन में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।