माफिया के हौसले बुलंद, सरेआम मशीनों से निकाली जा रही रेत-बजरी, प्रशासन-विभाग देख रहे तमाशा
हिमखबर डेस्क
इंदौरा क्षेत्र में खनन माफिया के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं । प्रशासन सब जानकर भी अनजान बना हुआ है। बुधवार सुबह निजी यूनिवर्सिटी से कुछ ही दूरी पर खनन माफिया सरेआम जेसीबी मशीनों से अवैध खनन करते पाया गया।
ब्यास नदी के बीचों बीच वाहन और मशीनरी के साथ चल रहा यह अवैध खनन न सिर्फ पर्यावरण को तबाह कर रहा है, बल्कि निजी यूनिवर्सिटी समेत आसपास की संरचनाओं के अस्तित्व के लिए भी बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है।
लगातार हो रहे मिट्टी के कटाव, भूमि खिसकने और नदी के रास्ते में बदलाव की आशंका से क्षेत्र में प्राकृतिक संतुलन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति ऐसे ही जारी रही तो भविष्य में बड़े भूसंक्षरण और सुरक्षा संकट से इनकार नहीं किया जा सकता। लोगों ने नूरपुर के माइनिंग अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
पिछले कई महीनों से इंदौरा एवं आसपास के इलाकों में अवैध खनन तेजी से बढ़ा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों द्वारा बार-बार इसकी शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन खनन विभाग की कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित दिखाई देती है। खुला संरक्षण मिलने के चलते खनन माफिया दिनदहाड़े ब्यास दरिया में मशीनें उतारकर खनन कर रहा है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह स्थान निजी यूनिवर्सिटी के बिलकुल पास है। लोगों का कहना है कि अगर यह अवैध खनन ऐसे ही जारी रहा, तो एक दिन यह यूनिवर्सिटी के अस्तित्व को ही खत्म कर देगा। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उनका कहना है कि माइनिंग विभाग की लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण के चलते खनन माफिया पहले से अधिक शक्तिशाली हो गया है। ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि ब्यास दरिया के इस संवेदनशील हिस्से पर कठोर निगरानी रखी जाए।

