मंडी में बाढ़ में बहे लोगों का नहीं लगा सुराग, गोहर में नौ लोग बह गए थे आपदा की रात बाढ़ में, पुलिस ने प्रभावित परिवारों के डीएनए नमूने लिए।
मंडी – अजय सूर्या
जिला मंडी के गोहर उपमंडल की ज्यूणी खडड के तेज बहाव में 30 जून कोई आपदा में बहे नौ लोगों में से छह के शव अभी तक नहीं मिल पाए है। ऐसे में उनके स्वजन की उम्मीद अब खत्म होने लगी है। इसमें स्यांज पंचायत के बागा और पंगलियूर गांव के दो परिवारों के नौ सदस्य भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी आपदा में बह गए हैं।
परवाड़ा गांव की सास बहू भी आपदा की शिकार हुई थी। आपदा के 16 दिन बाद भी इनके परिवार अपनों की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन अभी तक लापता लोग नहीं मिल पाए हैं। खोज और बचाव दलों ने लगातार मलबे और पानी में लापता लोगों की चप्पा-चप्पा तलाश की है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
एसडीआरएफ की टामें थक हार कर लौट गई हैं। दुखद स्थिति यह है कि मृतकों के परिवारों ने अपने स्वजन को खो दिया है और उनके घरों में मातम पसरा हुआ है। साथ ही उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागरचंद्र के बोल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागरचंद्र ने बताया कि बचाव व राहत दलों ने सभी स्थानों पर लापता लोगों की तलाश की परंतु अभी तक नहीं लोग नहीं मिले हैं। लापता लोगों के स्वजन का पुलिस ने डीएनए ले लिया है। शव मिलने की सूरत में डीएनए से उनकी पहचान की जाएगी।
ये लोग आए थे बाढ़ की चपेट में
स्यांज के पंगलियूर से इंद्रदेव और उनकी बेटी कनिका का शव जोगिंद्रनगर और बागा की देवकू देवी का कांगड़ा के देहरा में मिला था। बागा का पदम, पंगलियूर के झाबेराम, पार्वती देवी, सुरती देवी, उमावती और गौतम, परवाड़ा से लापता राधा देवी और उनकी सास पूर्णू देवी का अभी कोई सुराग नहीं मिल पाया है।