हिमखबर डेस्क
हमीरपुर जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग चर्चा के घेरे में आ गया है।
जानकारी के अनुसार विभाग के पास डॉक्टरों की फौज होने के बावजूद नाइट ड्यूटी पर कभी आंखों के डॉक्टर, कभी कान के डॉक्टर तो कभी किसी अन्य डॉक्टर की ड्यूटी लगाने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
गौर रहे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन में स्वास्थ्य विभाग ने नाइट ड्यूटी पर आंखों के डॉक्टर की ड्यूटी लगा दी। जब स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी का केस आया तो डॉक्टर साहब हक्के-बक्के रह गए।
मजबूरन डॉक्टर को केस हमीरपुर रैफर करना पड़ा। इससे अभिभावकों को तो परेशानी हुई ही, साथ ही स्वास्थ्य विभाग की कथित कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगा है।
ऐसा ही मामला एक और आया था, जब नाइट ड्यूटी पर कान के डॉक्टर की ड्यूटी लगा दी गई थी और जब मरीज आया तो डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए थे।
मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग न जाने क्यों लापरवाही कर रहा है? गौर रहे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन में 3 जिलों के लोग स्वास्थ्य सुविधा के लिए आते हैं।
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की माता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जिससे विभाग हरकत में आया था और थोड़े दिन हालात ठीक रहे, किंतु अब फिर से वैसे ही हालात बनते जा रहे हैं, जैसे पहले थे। लोगों ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान दे।
इस संबंध में बीएमओ डॉ. केके शर्मा ने बताया कि सभी डॉक्टर एमबीबीएस होते हैं, जिन्हें मरीजों को देखने का प्रावधान है।