शिमला – रजनीश ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में अब अवैध, गुणवत्ताहीन और जहरीली शराब पकड़े जाने पर संपत्ति जब्त होगी। पांच साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। गुरुवार को सदन में हिमाचल प्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया।
यह व्यवस्था भी की गई है कि आबकारी विभाग में सेकंडमेंट आधार पर कमांडो फोर्स तैनात की जाएगी। विधेयक पारित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रखा। कानून उन पर लागू होगा, जो किसी भी प्रकार की शराब का उत्पादन और विनिर्माण का अधिकार रखता हो या आयात, निर्यात और परिवहन करता हो।
शराब विनिर्माण या उत्पादन के प्रयोजन के लिए कोई भी सामग्री, भट्ठी, उपकरण आदि चाहे जैसा भी हो, इसका उपयाेग करता है। अपराध के लिए कैद की अवधि तीन से पांच वर्ष और जुर्माना 50 हजार से पांच लाख रुपये तक होगा। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि यह संशोधन जरूरी है।
विधेयक में बहुत से संशोधन लाकर नियमों को कड़ा किया है। इसमें पुलिस का काम बढ़ गया है। पुलिस पर पहले ही बोझ है। वस्तु एवं कर संशोधन विधेयक भी पारित : हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं कर संशोधन विधेयक-2024 भी सदन में पारित किया गया। इसमेंं जीएसटी के केंद्रीय प्रावधानों को सम्मिलित किया गया है।
देश का पहला राज्य बना
अवैध, गुणवत्ताहीन और जहरीली शराब पकड़े जाने पर एक्साइज एक्ट के तहत संपत्ति जब्त करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। अन्य राज्यों में पुलिस एक्ट के तहत यह कार्रवाई हाेती है। सरकार ने मामले को संज्ञेय अपराध भी बना दिया है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संज्ञेय अपराध की परिभाषा ऐसे अपराध के रूप में की गई है, जिसमें गिरफ्तारी के लिए किसी वारंट की जरूरत नहीं होती। इस प्रकार के मामलों को गैर जमानती भी बना दिया गया है।
पुलिस में भरेंगे 1,200 पद
विधेयक पारित करने का प्रस्ताव करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पहले ऐसे अपराध पर सख्त कानून नहीं था। सुंदरनगर में तो जहरीली शराब से आठ मौतें हो गईं और कुछ लोगों की नजर चली गई। अब संपत्ति जब्त करने और पेनल्टी में बढ़ोतरी का भी प्रावधान किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि कानून-व्यवस्था पुलिस का काम है। सरकार पुलिस विभाग में 1,200 पद भरने जा रही है। दो महीने बाद भर्ती होगी। टूरिज्म और ट्रैफिक पुलिस को भी मजबूत करेंगे।