शिमला – नितिश पठानियां
अगले सप्ताह तक एचआरटीसी के द्वारा सरेंडर किए गए बस रूटों में से शेष बचे रूटों को आबंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पिछले सप्ताह परिवहन विभाग ने ऐसे 54 रूटों को दे दिया था, लेकिन अभी भी 30 रूट बचे हुए हैं। इन रूटों के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है और लगातार इस प्रक्रिया को जल्द निपटाने के लिए कहा जा रहा है।
आवेदकों द्वारा परिवहन विभाग से इस पर मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द उनको रूट आबंटित हों। इनकी छंटनी का काम चल रहा है और रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी यानि आरटीए द्वारा जो सिफारिशें की गई हैं, उनको अमलीजामा पहनाया जाएगा। अभी तक पांच आरटीए की सिफारिशों पर 54 सरेंडर रूट अलॉट किए गए थे।
बता दें कि कुल 107 बस रूट एचआरटीसी ने एक साल पहले सरेंडर किए थे जिनकी प्रक्रिया अभी तक चल रही है। इन पर लोगों से आवेदन मांगे गए थे और कुल 84 सरेंडर रूटों पर आवेदन आए थे। इनमें से 54 का आबंटन हो गया है और 30 अभी शेष बचे हैं।
बताया जाता है कि इसमें कई पांच जिले हैं, जहां पर यह रूट दिए जाने हैं। इन रूटों पर लंबे समय से बसें नहीं चल रही हैं लिहाजा वहां के लोगों की भी डिमांड है कि जल्द से जल्द बस रूट प्राइवेट ऑपरेटरों को दिए जाएं, ताकि वहां पर बसों की व्यवस्था हो सके। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के रूट हैं जिनको एचआरटीसी सरेंडर कर चुका है।
यहां बता दें कि अभी 168 और रूट एचआरटीसी ने सरेंडर कर रखे हैं, जिन पर अभी एचआरटीसी से वापस जानकारी मांगी गई है। यह जानकारी आने के बाद ही परिवहन विभाग इस पर आगे बढ़ेगा।