सिरमौर – नरेश कुमार राधे
चुनाव आचार संहिता हटते ही ‘ऐतिहासिक नाहन’ शहर में सड़क को तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ है। यशवंत चौक-गुन्नुघाट-रानीताल-कच्चा टैंक-वाल्मीकि नगर चौक तक इंटरलाॅक टाइलों को हटाया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग ने पहले ऐसी जगह से टाइलों को उखाड़ने का कार्य शुरू किया है, जहां पानी की लीकेज है ताकि जलशक्ति विभाग को मरम्मत का मुकम्मल समय मिल सके।
चंद बरस पहले करोड़ों रुपए खर्च कर इंटरलाॅकिंग टाइलें बिछाई गई थी, लेकिन शहर की परिस्थितियों के मुताबिक टाइलें सिरदर्दी का सबब बन गई थी। रिंग रोड़ के इस हिस्से के कुछ भागों में तो जलभराव के हालात पैदा हो जाते थे। कई मर्तबा बोट चलाकर मजाक भी उड़ाया गया था।
बता दें कि वाल्मीकि नगर-दिल्ली गेट-यशवंत चौक तक की सड़क नेशनल हाईवे विंग के तहत आती है। हाल ही में नेशनल हाईवे विंग ने भी मोहल्ला गोविंदगढ़ में बिछाई गई इंटरलाॅकिंग टाइलों की मरम्मत की थी लेकिन हालत दोबारा बिगड़ती नजर आ रही है। बहरहाल, नाहन की सड़कों पर तारकोल बिछाने का कार्य स्वागत योग्य है।
सवाल ये भी उठता है कि इंटरलाॅकिंग टाइलों को बिछाकर करोड़ों रुपए की राशि के दुरुपयोग का जिम्मेदार कौन है। ये अलग बात है कि विभाग ने इंटरलाॅकिंग टाइलों को अन्य संपर्क मार्गों पर ऐसी जगह बिछाने का निर्णय लिया है, जहां पर सड़क पर पानी के रिसाव की वजह से कीचड़ की स्थिति बन जाती है।
लोक निर्माण विभाग अधिशाषी अभियंता आलोक जुनेजा के
लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता आलोक जुनेजा ने कहा कि शुक्रवार से कार्य शुरू कर दिया गया है। डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर तारकोल बिछाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये बात उनके संज्ञान में नहीं है कि पहले इंटरलाॅकिंग टाइलों को बिछाने के लिए कितनी राशि खर्च हुई है।
अधिशाषी अभियंता ने कहा कि तारकोल बिछाने के कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, बशर्ते जलशक्ति विभाग द्वारा अपने कार्य को भी समय पर निपटा लिया जाए।