दिल्ली- नवीन गुलेरिया
कोरोना महामारी की वजह से लगातार स्थगित होने के बाद इस वर्ष अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। इस बार 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए 33,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अपना एडवांस पंजीकरण करवाया है।
इस बीच इस यात्रा को लेकर एक धमकी सामने आई है, इसमें यात्रा के दौरान खून खराबे की बात कही गई है। यह धमकी कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने लश्कर-ए-तोएबा का हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन दि रेजिस्टेंस फं्रट (टीआरएफ) ने दी है।
टीआरएफ की तरफ से लोगों से कहा गया है कि वे सरकार के इस एजेंडे का हिस्सा न बनें। इस आतंकी संगठन ने आरोप लगाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार लोगों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही इस पत्र में लोगों से कहा गया है कि वे भड़के नहीं और सरकार की बातों में न आएं।
आखिर में टीआरएफ ने कहा है कि उसके लड़ाके हालात पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी तरह का भड़काऊ कदम खून खराबे को न्योता दे सकता है।
अमरनाथ यात्रा के राजनीतिकरण का आरोप
कश्मीर के आतंकी संगठन टीआरएफ की तरफ से कहा गया है कि हर साल 15 हजार की जगह अब आठ लाख लोग अमरनाथ यात्रा पर आ रहे हैं, वहीं 15 दिन की जगह 75 दिन की यात्रा हो रही है। ये अमरनाथ यात्रा का राजनीतिकरण है।
इसमें आगे कहा गया है कि श्राइन बोर्ड की तरफ से हाल ही में ये ऐलान किया गया कि पवित्र गुफा तक तीन लाख श्रद्धालु जा सकेंगे और यात्रा 75 दिन तक जारी रहेगी। ये और कुछ नहीं, बल्कि एक पॉलिटिकल मूव है।
टीआरएफ ने कहा है कि संघी और फासीवादी सरकार इस पवित्र स्थल का भगवाकरण करना चाहती है।