हमीरपुर – अनिल कल्पेश
हिमाचल प्रदेश में लगातार नौकरियों में चल रही धांधली के आरोप इस बात को साबित करते हैं कि प्रदेश के युवाओं के साथ पूरी तरह से प्रदेश की सरकार खिलवाड़ कर रही है और नौकरियों की जो बात कह रही है। वह पूरी तरह से भ्रष्टाचार से संलिप्त मामले निकलकर सामने आने लगे हैं।
हाल ही में हमीरपुर में हुई एक क्लर्क के पेपरों की भर्ती की जांच होनी चाहिए। उसमें जो सीसीटीवी फुटेज है। उसको खंगाला जाना चाहिए कि वह कौन सी महिला थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय इस बात का जवाब दे। जिसने मुख्यमंत्री के नाम की धौंश दिखाकर पेपर सेंटर से बाहर बैठकर पेपर दिया। और फिर उस महिला ने इस मामले को लेकर लिखित में यह माना कि उसने बाहर बैठकर पेपर दिया।
जब उसके ऊपर शिमला सचिवालय का दबाव पड़ा। उन्होंने कहा कि यह फोर्थ क्लास का एलडीआर का पेपर था और बड़ी हैरानी की बात है कि हमीरपुर में पूरा प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा था और एक महिला 3 घंटे पेपर सेंटर से गायब रही। कोई कार्यवाही इस पर नहीं हुई और ना कोई शिकायत इस मामले पर हुई है।
इसी तरह का अब दूसरा मामला पुलिस भर्ती को लेकर निकल कर सामने आया है। जहां पर पुलिस में पेपर लीक की जांच होनी चाहिए क्योंकि प्रदेश के 28000 युवाओं को यहां पर सिलेक्ट किया गया है।
इंटरव्यू के लिए मतलब बहुत से युवाओं का जो भविष्य पूरी तरह से दांव पर लगा हुआ है। ऐसी स्थिति में अगर सरकार इन दोनों ही मामलों की जांच नहीं करवाती है तो, एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि जयराम सरकार पूरी तरह से अपने लोगों को लाभ देने का प्रयास कर रही है।
यहां पर सरकार के द्वारा तो किया ही जा रहा है लेकिन इसी के साथ जो हमारे युवा बच्चे घरों में बैठकर दिन-रात पढ़ाई कर रहे हैं। उन बच्चों के साथ ही सीधा-सीधा खिलवाड़ भाजपा की सरकार कर रही है।
इसलिए मैं तो सीधी मांग करता हूं कि इन दोनों ही मामलों की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि क्योंकि मामला हमारे युवाओं के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।