चम्बा- भूषण गुरुंग
पांगी घाटी में फंसे मरीजों व आम लोगों के लिए शुक्रवार का दिन राहत लेकर आया। शुक्रवार को पांगी स्थित किलाड़ हेलीपैड पर वायु सेना का हेलीकाप्टर उतरा, जैसे ही यहां हेलीकाप्टर उतरा तो घाटी से बाहर जाने के लिए बुङ्क्षकग करवाने वाले लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
शुक्रवार को पांगी घाटी व कुल्लू के लिए चार मरीजों व दो बच्चों सहित कुल 30 लोगों ने रोहतांग आरपार किया। 2019 के बाद सरकार की ओर से शुक्रवार दो हवाई उड़ानें करवाई गईं। सबसे पहले हेलीकाप्टर कुल्लू से पांगी के लिए दो बच्चे और आठ अन्य लोगों को लाया। इसके बाद किलाड़ से कुल्लू के लिए चार मरीज व चार स्वजन उनके साथ गए। दूसरी उड़ान में कुल से छह लोगों को लेकर हेलीकाप्टर ने कुल्लू के लिए उड़ान भरी।
गौरतलब है कि पांगी घाटी में सर्दी के मौसम में भारी हिमपात होता है। इस दौरान घाटी में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाती है। ऐसे में लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। वहीं, पांगी मुख्यालय किलाड़ स्थित कई रेफर किए गए मरीज भी यहीं फंसकर रह जाते हैं। कुल मिलाकर सर्दियों में पांगी घाटी के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में घाटी के लोग प्रशासन व सरकार से हेलीकाप्टर सुविधा मांगते हैं, ताकि कम समय में घाटी से बाहर गंतव्य तक पहुंचा जा सके, लेकिन वर्ष 2019 के बाद से घाटी के लिए हेलीकाप्टर के उड़ान न भरने के चलते लोगों की दिक्कतें बढ़ी हुई थीं। उन्हें पांगी से बाहर निकलने के लिए सड़क मार्ग के के बहाल होने का इंतजार करना पड़ रहा था।
हालांकि, इस बार भी मार्ग बहाल हो चुके हैं, लेकिन मरीजों के लिए खासकर हेलीकाप्टर की उड़ान राहत देने वाली रही। लोगों का कहना है कि पांगी घाटी के लिए समय-समय पर उड़ानें करवाई जानी चाहिए, ताकि मरीजों सहित अन्य लोगों को घाटी से बाहर पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना करने के लिए मजबूर न होना पड़े।
रजनीश शर्मा, एसडीएम पांगी के बोल
कुल्लू से पांगी व पांगी से कुल्लू के लिए शुक्रवार को उड़ानें करवाई गई हैं। इन उड़ानों में करीब 30 लोग घाटी के आर-पार हुए हैं।