जिले में सड़क हादसों में किसी की जान ना जाए इसके लिए ट्रामा सेंटर की मशीनरी को मेडिकल कालेज के आपरेशन थिएटर में स्थापित कर दिया गया है ताकि हादसे के समय चंबा में ही बेहतर उपचार किया जा सके।
चम्बा, भूषण गुरुंग
जिले में सड़क हादसों में किसी की जान ना जाए इसके लिए ट्रामा सेंटर की मशीनरी को मेडिकल कालेज के आपरेशन थिएटर में स्थापित कर दिया गया है, ताकि हादसे के समय चंबा में ही बेहतर उपचार किया जा सके।
चंबा में ट्रामा सेंटर के लिए सरकार की ओर से दो करोड़ 75 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था, जिसमें एक करोड़ 95 लाख आधुनिक मशीनरी के लिए व 80 लाख रुपये से सेंटर के भवन निर्माण किया जाना था। हालांकि पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रबंधन ने दो करोड़ 35 लाख रुपये की बिना भवन निर्माण के मशीनरी खरीद ली है।
जो मशीनरी अब मेडिकल कालेज के सर्जरी व आर्थो विभाग के आपरेशन थिएटर में प्रयोग की जा रही है, जबकि कालेज प्रबंधन के पास जो 40 लाख का बजट बचा है उसे कहां और कैसे खर्च करना है इसके लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। कालेज प्रबंधन की ओर से खरीदी गई मशीनरी से सर्जरी व आर्थो विभाग बडे-बडे सफल आपरेशन कर चंबा की जनता को राहत पहुंचाई जा चुकी है।
दुर्घटना या जख्मी गंभीर मरीजों के इलाज के लिए होता है ट्रामा सेंटर
ट्रामा सेंटर एक तरह का विशेष गुणवत्ता का अस्पताल होता है। जो मुख्य रूप से किसी भी तरह की दुर्घटना, सड़क हादसे, गोली लगने से जख्मी मरीजों का गंभीर स्थिति में इलाज करने के लिए सक्षम होता है। यहां विशेषज्ञ डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम मरीज की जान बचाने के लिए 24 घंटे तत्पर रहती है। चंबा जिले में ट्रामा सेंटर का नहीं होना चिता की बात है।
ट्रामा सेंटर अस्पताल में इनकी होती है तैनाती
न्यूरो सर्जन
जनरल सर्जन
आर्थोपेडिक सर्जन
ओटी असिस्टेंट
लैब तकनीशियन
एनेस्थिसिया चिकित्सक
इमरजेंसी मेडसिन के चिकित्सक
एक्स-रे तकनीशियन
एक्सपर्ट-पैरामेडिकल स्टाफ
डा. रमेश भारती, प्राचार्य मेडिकल कालेज चंबा के बोल
चंबा में ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए दो करोड़ 75 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था, जिसमें एक करोड़ 95 लाख आधुनिक मशीनरी के लिए व 80 लाख सेंटर के भवन निर्माण किया जाना था, जिसे मेरे चंबा में ज्वाइंन करने से पहले आधे से अधिक बजट को मशीनरी की खरीद के लिए खर्च कर दिया गया है। खरीदी गई मशीनरी को मेडिकल कालेज के आपरेशन थिएटर में प्रयोग किया जा रहा है। जो बजट बचा है अब उसे कहां खर्च करना है इसके लिए उच्च अधिकारियों से आगामी आदेश मांगे गए हैं।