धर्मशाला, राजीव जस्वाल
वन भूमि के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य आगे नहीं बढ़ रहे हैं। ऐसा ही मामला विकास खंड धर्मशाला की अंदराड़ पंचायत भी सामने आया है। पंचायत में वन भूमि का अडंगा विकास कार्यो पर भारी पड़ रहा है। अंदराड़ नई पंचायत बनी है। अब पंचायत प्रतिनिधियों के समक्ष विकास कार्यों के लिए वन भूमि की स्वीकृति बड़ी समस्या है। पंचायत को भवन निर्माण कार्य करना भी मुश्किल हो जाएगा।
पंचायत में करीब 70 फीसद भूमि वन विभाग की है। इस कारण कई विकास कार्य वर्षों से रुके हुए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों मे पड़ने वाली वन भूमि के लिए नियम सरल बनाने चाहिए ताकि विकास कार्य प्रभावित न हों।
शालिनी, प्रधान, अंदराड़ पंचायत के बोल
पंचायत के लिए बड़ी समस्या यह है कि वन भूमि के कारण विकास कार्यो को कैसे दी जाए। सरकार से वन भूमि नियमों में संशोधन करने के लिए निवेदन किया जाएगा।
स्थानीय लोगो के बोल राजेंद्र वडजातिया
कई बार वार विधायक व वन विभाग को समस्या से अवगत करवाया। कई गलियां वन भूमि के दायरे में आती हैं और इन्हें पक्का करने के लिए विभाग से एनओसी नहीं मिलती है।
हरि सिंह
कई बार सरकार से वन भूमि नियमों में संशोधन करने की मांग उठाई गई है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित न हों लेकिन समस्या का कोई हल नहीं हो पाया है।
संजीव शर्मा, जिला वन मंडल अधिकारी धर्मशाला के बोल
वन भूमि के लिए एफसीए या एफआरए से एनओसी लेनी पडती है। वन विभाग इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।