शिमला, जसपाल ठाकुर
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीज की देखभाल के लिए तीमारदार आइसाेलेशन वार्ड में अंदर जा सकेंगे। अंदर जाने के लिए तीमारदार का कोराेना पॉजिटिव होना जरूरी है। आइजीएमसी प्रशासन ने तीमारदारों की चिंता दूर करने के लिए यह फैसला लिया है।
आइजीएमसी में इन दिनाें करीब 130 कोरोना मरीज दाखिल हैं। हालांकि मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टर, नर्सों सहित सुरक्षा व सफाई कर्मी तैनात रहते हैं लेकिन मरीज की देखभाल अपने हाथों से करने की ईच्छा रखने वाले तीमारदारों के लिए यह सुविधा दी जा रही है।
अक्सर तीमारदारों को यह परेशानी रहती है कि उनका मरीज सही से खाना व दवाईयां ले रहा होगा या नहीं। साथ ही बाहर से दिया गया सामान समय पर मरीज के पास पहुंचने की भी चिंता सताती रहती है।
कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते वार्ड में स्टाफ के अलावा किसी तीमारदार की एंट्री नहीं होती। तीमारदारों को गेट के पास तैनात सुरक्षा कर्मियों व कंट्रोल रूम के स्टाफ से बातचीत कर अपने मरीज का हाल जानना होता है। ऐसे में तीमारदारों की इन परेशानियों को दूर करने के लिए प्रशासन ने पॉजिटिव तीमारदार के अंदर जाने की अनुमति दी है।
आइजीएमसी प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि पहले से संक्रमित कोरोना पॉजिटिव तीमारदार अपने मरीज की देखभाल के लिए वार्ड में जा सकता है। अंदर जाने वाला तीमारदार एसिम्टोमेटिक होना चाहिए।