एचआरटीसी के 7 हजार पेंशनरों की जेब खाली, सरकार ने दिए सिर्फ 55 करोड़ उससे दे दिया वेतन, 15 करोड़ रूपए अतिरिक्त देने को लिखा पत्र
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनरों की जेब इस महीने खाली रह गई है। बुधवार को प्रदेश सरकार के सभी पेंशनरों को तो पेंशन डाल दी गई मगर एचआरटीसी के पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निगम के पास पैसा नहीं है।
इस महीने एचआरटीसी को सरकार से जो पैसा आना चाहिए था वो पूरी तरह से नहीं मिल पाया। अब कम राशि मिलने पर केवल वेतन का ही खर्चा निकल पाया और निगम ने अपने कर्मचारियों को वेतन की अदायगी पहले ही कर दी।
राज्य सरकार ने सभी पेंशनरों को 9 तारीख को पेंशन देने का निर्णय लिया था मगर एचआरटीसी के पास 9 तारीख को भी पैसा नहीं है। निगम ने सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे आग्रह किया है कि 15 करोड़ रूपए की राशि जारी की जाए ताकि वह अपने पेंशनरों की देनदारी को दे सकें।
इस महीने सरकार ने एचआरटीसी को सिर्फ 55 करोड़ रूपए की राशि ही दी है जिसमें से 45 करोड़ रूपए उसके कर्मचारियों को वेतन में लग जाते हैं।
निगम के जो 7 हजार पेंशनर हैं उनको पेंशन के लिए 20 करोड़ रूपए मासिक चाहिए। क्योंकि निगम के पास जो पैसा था और उसने जो कमाई पिछले महीने की है उससे टायर का खर्चा, तेल का खर्चा और स्पेयर पार्ट आदि का खर्चा हो गया है जिस वजह से उसके पास पैसा नहीं बचा। ऐसे में पेंशनरों को अब पेंशन देने के लाले पड़ गए हैं।
बताया जाता है कि निगम ने सरकार से 65 से 70 करोड़ रूपए की डिमांड की थी। क्योंकि निगम सरकार के लिए सामाजिक सरोकार के दायित्व का निर्वहन कर रहा है। उसे सरकार से सालाना 900 करोड़ रूपए की राशि इन सेवाओं की एवज में चाहिए मगर सरकार उसे 700 करोड़ रूपए देती है और उसमें भी कटौती की जा रही है