इस साल सरकार ने कक्षा 1 व कक्षा 2 में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू करवाई है। हर साल इसमें एक एक कक्षा शामिल करने का निर्णय पहले लिया गया था। यानी पहले 2025 में कक्षा तीन को ही शामिल किया जाना था। लेकिन अब पांचवी तक की प्रत्येक कक्षा को इसमें जोड़ दिया गया है।
प्रदेश में 10,300 प्राथमिक स्कूल हैं। अंग्रेजी माध्यम में पढाने के लिए विभाग कोई अलग से भर्ती नहीं करेगा। जो शिक्षक पहले से पढ़ा रहे हैं उन्हें ही प्रशिक्षण दिया गया है।
शिक्षा विभाग ने जिला डाइट केंद्रों में 20 हजार जेबीटी, सीएचटी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है। हर साल इनके लिए रिफ्रैशर कोर्स भी आयोजित किए जाएंगे।
पढ़ाने की बेसिक चीजें प्रशिक्षण में इन्हें सिखाई गई है। प्रशिक्षण से जो शिक्षक छूटें हैं उनके लिए भी जल्द प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
ड्रॉपआउट रोकने को लिया है फैसला
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में हर साल बच्चों की संख्या कम हो रही है। मौजूदा सत्र में भी 51 हजार बच्चें कम दाखिल हुए हैं। निजी स्कूलों का मुकाबला करने और सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों का पलायन रोकने को सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है।
अंग्रेजी माध्यम में किताबे प्रकाशित करने के दिए आदेश: कोहली
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग आशीष कोहली ने बताया कि कक्षा एक व दो में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा पांच तक अंग्रेजी माध्यम में ही पढ़ाई करवाई जाएगी।
इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को अंग्रेजी माध्यम में किताबें प्रकाशित करने का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है। 20 हजार शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।