चम्बा – भूषण गुरुंग
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद डेढ़ माह में ही चंबा मेडिकल कॉलेज से दो दर्जन से अधिक स्टाफ नर्सों का तबादला किया जा चुका है। नर्सों के तबादले का यह सिलसिला निरंतर जारी है। एक दर्जन अन्य स्टाफ नर्सों के डीओ नोट विभिन्न जिलों के मंत्री और विधायक लगा चुके हैं।
सत्र समाप्त होने के उपरांत इन स्टाफ नर्सों का भी यहां से तबादला हो सकता है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज चंबा में मरीजों की देखभाल का जिम्मा रामभरोसे हो सकता है क्योंकि मेडिकल कॉलेज में पहले से ही स्टाफ नर्सों की कमी चल रही है।
ऐसे में नई सरकार से जहां स्टाफ की तैनाती करने की उम्मीद थी वहीं इसके विपरीत नई सरकार ने पहले से तैनात स्टाफ नर्सों को ही यहां से ट्रांसफर कर दिया।
हैरानी इस बात की है कि जिले के पक्ष और विपक्ष के विधायक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्सों का टोटा पड़ जाएगा।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में 138 स्टाफ नर्सों के पद स्वीकृत हैं। मौजूदा समय में 87 पदों पर स्टाफ नर्सें सेवाएं दे रही हैं जबकि अन्य पद खाली पड़े हैं।
जबसे प्रदेश में नई सरकार ने कार्यभार संभाला है तबसे बाहरी जिलों की स्टाफ नर्सों ने यहां से अपने तबादले गृह जिलों में करवाना शुरू कर दिए हैं। रोजाना किसी न किसी मंत्री या विधायक के डीओ नोट पर स्टाफ नर्सों का चंबा से तबादला हो रहा है।
तबादले के बाद जो पद खाली हो रहा है उसे भरने के लिए सरकार नई नियुक्ति नहीं कर रही है। बाहरी जिलों की स्टाफ नर्सें तबादला करवाकर भले ही अपने गृह जिलों में जा रही हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज चंबा में इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेज से कैजुअल्टी मेडिकल अफसर, मेडिकल अफसर के साथ दो लैब तकनीशियनों के भी तबादले दूसरे जिलों में किए हैं। जबकि इनकी चंबा में काफी जरूरत थी। राजनीतिक पहुंच के चलते इन कर्मचारियों ने अपना तबादला यहां से दूसरी जगह करवा लिया है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करतार ठाकुर ने बताया कि सरकार ने चंबा मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज ओर रोबोटिक सर्जरी की घोषणा की है। रही बात यहां से स्टाफ नर्सों के तबादले की तो सरकार उनके स्थान पर जल्द नई तैनाती चंबा मेडिकल कॉलेज में कर सकती है।
भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने बताया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार चंबा के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्सों की पहले से ही कमी है। ऐसे में सरकार को यहां नई तैनाती करनी चाहिए। लेकिन सरकार के मंत्री और विधायक यहां से स्टाफ नर्सों को दूसरी जगह भेज रहे हैं। इसको लेकर सदर विधायक भी चुप्पी साधे बैठे हैं।