ट्रक ड्राइवर ने बेटे को किडनी देकर नया जीवनदान दिया है। चंबा के भरमौर के विनोद (28) की दो साल पहले दोनों किडनियां खराब हो गई थीं। तब से उनका आईजीएमसी शिमला में डायलिसिस चल रहा था।
चम्बा- भूषण गुरुंग
महाराष्ट्र से 26 वर्षों के बाद तीन साल पहले घर लौटे ट्रक ड्राइवर ने बेटे को किडनी देकर नया जीवनदान दिया है। चंबा के भरमौर के विनोद (28) की दो साल पहले दोनों किडनियां खराब हो गई थीं। तब से उनका आईजीएमसी शिमला में डायलिसिस चल रहा था। विनोद की माता कमलेश दो साल से किराये पर कमरा लेकर आईजीएमसी में बेटे का उपचार करवा रही हैं। वह डीसी ऑफिस चंबा बतौर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य कर रही थीं। बताया कि दो साल में वह करीब डेढ़ लाख रुपये तक कमरे का किराया ही दे चुकी हैं, जबकि खाने-पीने का खर्च अलग से है। वह बीच-बीच में छुट्टियां लेकर शिमला आ रही हैं, लेकिन उनके पति ही दो साल से बेटे की देखभाल कर रहे हैं।
कमलेश ने बताया कि डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी, लेकिन इसे दान करने वाला कोई नहीं मिल रहा था। वह खुद बेटे के लिए किडनी देने के लिए तैयार हो गईं तो उनकी किडनी का मिलाप नहीं हुआ। विनोद की छोटी बहन की किडनी का मिलाप हो गया था। इस बीच, विनोद के पिता शंकर ने बेटे के लिए किडनी देने की पेशकश की।
जांच के बाद डॉक्टरों ने उनकी किडनी लेने के लिए हामी भर दी। कमलेश ने बताया कि रविवार शाम को दिल्ली से टीम अस्पताल आई तो उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट से पहले बेटे का हौसला बढ़ाया। अब वह बेहद खुश हैं। कहा कि अब उनका बेटा भी सामान्य जिंदगी जी सकेगा।
दो सालों से था किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार
करसोग के गोवालपुर निवासी बलदेव के चाचा बहादुर सिंह ने बताया कि दो साल पहले उनके भतीजे के पेट में दर्द हुआ था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया तो चिकित्सक ने आईजीएमसी शिमला जाने की बात कही। यहां टेस्ट करवाने पर पता चला कि किडनी खराब है। तब से अस्पताल में डायलिसिस करवाते रहे। भतीजे ने शिमला में रहकर ही अपना उपचार करवाया है। अब उसके पिता मानसिंह ने किडनी देकर बेटे की जान बचाई है।
पहले ट्रांसप्लांट करवा चुके मरीजों ने बढ़ाया हौसला
अस्पताल में पहले किडनी ट्रांसप्लांट के बाद ठीक हुए मरीजों ने भी दोनों मरीजों की हौसलाअफजाई की। चंबा की कमलेश ने बताया कि जसूर कांगड़ा के रहने वाले दंपती ने उन्हें फोन कर बेटे का हालचाल जाना। पिछली रात को भी बात हुई थी। उन्होंने न घबराने की बात कही थी।