बिलासपुर- सुभाष चंदेल
अरुणाचल प्रदेश में 21 साल की उम्र में देश के लिए कुर्बान होने वाले जवान अंकेश भारद्वाज के पिता बेटे को दूल्हे की तरह विदाई देंगे।
बलिदानी अंकेश के पिता पूर्व सैनिक बांचा राम ने कहा कि मेरा बेटा दूल्हा बनकर श्मशानघाट तक जाएगा। बेटे की इस बलिदानी को वह समारोह की तरह मनाएंगे। आर्मी के बैंड बाजे के साथ बेटे को अंतिम विदाई दूंगा।
बलिदानी के पिता ने कहा बेटे को पठानकोट से भी बिलासपुर यक हेलिकाप्टर से पहुंचाया जाए। मंत्री और प्रशासन से हाथ जोड़कर इसकी विनती की।
बांचा रात ने कहा उन्हें सेना ने इतना सक्षम बनाया है कि वह आज भी पाकिस्तान से लड़ने के लिए हर माहौल में तैयार हैं। मेरा बेटा प्राकृतिक आपदा में चला गया इसका दुख है। मेरे बेटे की बलिदानी का कार्यक्रम ऐसा हो कि जिसको देख कर आज के युवाओं में देशभक्ति की भावना जागे।
अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आकर देश के लिए कुर्बान हुए 21 वर्षीय जवान अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह आज घर पहुंचना मुश्किल है।
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग और घुमारवीं के एसडीएम वीरवार को बलिदानी के घर पर पहुंचे थे। एसडीएम ने कहा दोपहर तक पार्थिव देह अरुणाचल प्रदेश में ही थी। पार्थिव देह को पहले तेजपुर पहुंचाया जाएगा, उसके बाद पठानकोट पहुंचाएंगे। बताया जा रहा है कि देर शाम तक शव पठानकोट पहुंच सकते हैं।
अंकेश अभी अविवाहित था, इस कारण पिता बेटे को दूल्हे की तरह विदाई देने की बात कह रहे हैं। अंकेश के परिवार में माता-पिता के अलावा छोटा भाई है। इसके अलावा अंकेश की दादी भी हैं, जो सुन नहीं पातीं।
इसके अलावा अंकेश के तीन चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। सैनिक परिवेश में पले बढ़े अंकेश ने बचपन में सेना में जाकर देश के लिए मर मिटने की सोच ली थी।