हिमाचल में अनोखी शादी, न फेरे, न पंडित, न 7 वचन, संविधान बना साक्षी, सिरमौर में फिर अनोखी शादी, समाज को दिया नया संदेश, सगे भाइयों के कदम ने पूरे क्षेत्र का ध्यान खींचा
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
न फेरे, न पंडित, और न 7 वचन। जी हां जिला सिरमौर में एक बार फिर एक अनोखी शादी देखने को मिली है। अब 2 भाइयों ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया है। बाबा साहेब से प्रेरणा लेकर इन 2 भाइयों ने एक अलग मिसाल पेश की है।
यह अनोखा विवाह 26 अक्तूबर को शिलाई विधानसभा क्षेत्र के नैनीधार के कलोग गांव में सम्पन्न हुआ। बता दें कि इससे पहले इसी साल जिले के गिरिपार क्षेत्र में ही एक दुल्हन ने 2 भाइयों से हाटी परंपरा के मुताबिक विवाह रचाया था। इस विवाह के बाद अब कलोग गांव में 2 भाइयों की शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है।

दरअसल कलोग गांव के 2 सगे भाइयों सुनील कुमार और विनोद कुमार ने एक अनोखी पहल करते हुए बाबा साहेब भीमराम अम्बेदकर के विचारों से प्रेरित होकर विवाह समारोह में बदलाव किया। उन्होंने पारम्परिक ब्रह्म विवाह की जगह संविधान को साक्षी मानकर विवाह करने का निर्णय लिया।
रविवार को सम्पन्न हुए इस विवाह समारोह में न तो फेरे हुए, न कोई पंडित था और न ही अग्नि को साक्षी मानकर 7 वचन लिए गए। वर माला के उपरांत दोनों भाइयों ने अपनी जीवन संगनियों के साथ बाबा साहेब और संविधान को अपने विवाह समारोह का साक्षी बनाया।
दोनों भाइयों ने अपनी दुल्हनों के साथ संविधान को साक्षी मानकर जीवन भर साथ रहने की प्रतिज्ञा ली और अपने बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त किया। सुनील कुमार ने रितु और विनोद कुमार ने रीना वर्मा से विवाह किया। यह अनोखा विवाह युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना है और उन्हें सामाजिक सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करेगा। सुनील और विनोद की इस पहल को पूरे क्षेत्र में सराहा जा रहा है।

दोनों भाई सरकारी नौकरी करते हैं, जो सामाजिक सुधार के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। सुनील कुमार और विनोद कुमार का मानना है कि विवाह 2 दिलों का मेल है और इसके लिए किसी परंपरागत रीति और कर्मकांड का होना जरूरी नहीं है। इस अनोखी शादी में स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन किया गया और बारात भी निकाली गई। दोनों परिवारों ने इस पहल का समर्थन किया और विवाह को सफलतापूर्वक संपन्न करवाया।
इस विवाह समारोह में गांव के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। लोगों का कहना था कि यह विवाह युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरा है और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं सुनील और विनोद ने कहा कि वे सामाजिक सुधार के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे और युवाओं को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। यह विवाह इस मायने में खास है कि परिवार ने न केवल बौद्ध धर्म अपनाया है, बल्कि विवाह की रस्में भी धार्मिक रूढ़ियों से हटकर, संविधान और मानवता के मूल्यों के साथ निभाई गईं।

इस विवाह की सबसे दिलचस्प बात यह भी रही कि आमंत्रण पत्र (शादी का कार्ड) पर भी एक तरफ महात्मा बुद्ध और दूसरी तरफ संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर की तस्वीर दर्शाई गई थी। विवाह के दौरान नवविवाहित जोड़े ने संविधान को साक्षी मानकर अपने नए जीवन की शपथ ली।
एक दुल्हन की 2 भाइयों से शादी भी खूब चर्चा में रही
बता दें कि इसी साल जुलाई माह में जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के तहत शिलाई में ही हुई एक अनोखी शादी ने भी सबका ध्यान खूब खींचा, जहां एक दुल्हन ने 2 भाइयों से विवाह रचाया था। शिलाई गांव के प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने नजदीकी कुनहाट गांव की सुनीता चौहान से एक साथ विवाह किया। यह विवाह समारोह पूरी सहमति और सामुदायिक भागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ था। यह आयोजन हाटी समुदाय की बहुपति (पॉलीएंड्री) परंपरा पर आधारित था। इस शादी समारोह की भी देश में खूब चर्चा रही।

