हिमाचल के 23 पुलिस थानों के पास नहीं अपनी गाड़ियां, विधानसभा के मानसून सत्र में बोले सीएम

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शिमला – रजनीश ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के कई पुलिस थानों के पास अपने स्थायी वाहन नहीं हैं। इनमें सीआईडी और ट्रैफिक व टूरिस्ट पुलिस थाने भी शामिल हैं। सूबे के करीब दो दर्जन पुलिस थानों के पास अपने स्थायी वाहन उपलब्ध नहीं है। इस बात का खुलासा खुद मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र में किया है।

इन्दौरा के विधायक मलेंद्र राजन के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में 23 पुलिस थाने ऐसे हैं, जिनके पास स्थाई वाहन नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पांच जिलों के 17 पुलिस थानों के पास स्थाई वाहन नहीं हैं।

सिरमौर जिला के नाहन सदर, पच्छाद, राजगढ़ और शिलाई थानों के पास अपने वाहन की सुविधा नहीं है। इसी तरह शिमला जिला के झाकड़ी, चिड़गांव व न्यू शिमला पुलिस थानों में अपना स्थायी वाहन नहीं है। सोलन जिला के सायरी और बागा, मंडी जिला में एकमात्र जोगिंद्रनगर पुलिस थाना है, जहां कोई भी स्थाई वाहन नहीं है।

कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा चार पुलिस थानों में अपना वाहन नहीं है। इनमें ज्वालामुखी, पालमपुर, मैकलॉडगंज और महिला पुलिस थाना धर्मशाला शामिल है। ऊना जिला के मेहतपुर, टाहलीवाल और महिला पुलिस थाना में भी स्थाई वाहन उपलब्ध नहीं है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य गुप्तचर विभाग के तहत आने वाले तीन साईबर क्राइम पुलिस थानों के पास भी स्थाई वाहन नहीं है। इनमें साईबर क्राइम पुलिस थाना शिमला, साईबर क्राइम पुलिस थाना मंडी और साईबर क्राइम पुलिस थाना कांगड़ा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह बिलासपुर जिला में यातायात व पर्यटन पुलिस थाना भगेड़ मंडी जिला में यातायात व पर्यटक पुलिस थाना नेरचौक और कुल्लू जिला में यातायात व पर्यटक पुलिस थाना भुंतर में स्थाई वाहन नहीं है।

ऐसे पुलिस थाने भाड़े पर हायर करते हैं गाड़ियां

बता दें कि अपना स्थायी वाहन नहीं होने के कारण इन पुलिस थानों में दिक्कतें भी आती हैं। दरअसल कई मर्तबा सम्बंधित थाना क्षेत्र में एक से ज्यादा वारदातें होने पर घटनास्थल पर पहुंचना चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि ऐसे पुलिस थानों में भाड़े पर निजी वाहन की सुविधा मौजूद है।

कई पुलिस थानों में निजी कम्पनियां भाड़े पर गाड़ियां उपलब्ध करवा रही हैं ताकि पुलिस थानों में पेट्रोलिंग व अन्य किसी तरह की कोई दिक्कत न आए। दिलचस्प यह है कि जो पुलिस स्टेशन क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) रैंकिंग में अव्वल हैं, उनमें भी अपनी गाड़ी की सुविधा नहीं है।

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