हिमखबर डेस्क
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर हुई गोकशी की घटना का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। इस घटना में शामिल अंतरराज्यीय गौ-तस्कर गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देहरादून पुलिस ने सहसपुर क्षेत्र से 08 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि सिरमौर पुलिस के पुरुवाला थाना के अंतर्गत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
यह सभी एक संगठित गिरोह बनाकर गोकशी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। गिरोह के मास्टरमाइंड को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर पहले से ही पशु क्रूरता से जुड़े 11 मामले दर्ज है। गोकशी की घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सिरमौर पहुंचे और सिरमौर के SP से मुलाकात कर संयुक्त रणनीति बनाई।
दोनों राज्यों की पुलिस टीमों ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए साझा अभियान चलाया। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार सभी आरोपी पहले भी पशु क्रूरता और गोकशी के मामलों में जेल जा चुके हैं। इन अभियुक्तों के खिलाफ पशु क्रूरता, गोकशी और अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। सिरमौर के पुलिस अधीक्षक (SP) निश्चिंत नेगी, SSP देहरादून के मंगलवार को प्रेस वार्ता में इन तमाम बातों का खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च को उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश सीमा पर ढालीपुर नदी के किनारे 13 गोवंशों के अवशेष मिलने की सूचना पुलिस को मिली। सूचना मिलते ही कोतवाली विकासनगर की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल का निरीक्षण करने पर यह स्पष्ट हुआ कि गौवंशों को अन्यत्र अवैध रूप से काटकर उनके अवशेष वहां फेंके गए थे। इस घटना से दोनों राज्यों में हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया था।
घटना की जानकारी मिलते ही देहरादून के SSP मौके पर पहुंचे और उप जिलाधिकारी, विकासनगर सहित अन्य अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना विकासनगर में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पुरुवाला थाने में भी मुकदमा दर्ज छानबीन शुरू की गई।
एसएसपी देहरादून और एसपी सिरमौर ने संयुक्त बैठक कर रणनीति तैयार की। दोनों राज्यों की पुलिस ने पूर्व में गोकशी के मामलों में जेल गए अपराधियों की सूची साझा की और वर्तमान में जमानत पर छूटे आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से आरोपियों की पहचान की गई।
सूचना के आधार पर सोमवार सुबह विकास नगर पुलिस ने सहसपुर क्षेत्र से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि सिरमौर पुलिस ने भी देर रात तक 2 आरोपियों को पुरुवाला से पकड़ा। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटनास्थल से कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। जिनमें 3 चापड़ (धारदार हथियार), 1 लंबी खुखरी, पशु कटान के अन्य उपकर, 2 लकड़ी के गुटके शामिल हैं।
कैसे देते थे घटनाओं को अंजाम?
पूछताछ में आरोपियों ने गौवंशों को सीमावर्ती इलाकों और नदी किनारे से चोरी कर उन्हें काटने की बात स्वीकार की। आरोपी गौमांस और पशु मांस बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। 31 मार्च को भी उन्होंने यमुना नदी किनारे गौकशी की और अवशेष वहीं फेंक दिए। वे फिर से इसी तरह की घटना को अंजाम देने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
विकासनगर से गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नौशाद (35) पुत्र इस्लाम, गुलबहार (50) पुत्र शमशेर, समीर (19) पुत्र दिलबहार, शाहरुख (26) पुत्र इखलाख, सादिक (20) पुत्र जब्बार, तौसीब (21) पुत्र इखलाख, निवासी खुशहालपुर, थाना सहसपुर, देहरादून के रूप में हुई है। वहीं, पुरुवाला गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शहनवाज (40) पुत्र स्व. वलीम मोहम्मद, इरशाद (60) पुत्र कमरूदीन निवासी ग्राम मानपुर देवड़ा, तहसील पावंटा साहिब, जिला सिरमौर के रूप में हुई है।
दोनों राज्यों की पुलिस की सतर्कता और भविष्य की रणनीति भी तैयार की है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने का निर्णय लिया है। संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। दोनों राज्यों की पुलिस अब नियमित रूप से संयुक्त ऑपरेशन चलाएगी। उत्तराखंड और हिमाचल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से गोकशी गिरोह का पर्दाफाश हुआ और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किए गए।
तनावपूर्ण हो गया था माहौल
बता दें कि घटना के बाद बीती रात पांवटा साहिब में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। स्थानीय लोग और हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता पहले घटनास्थल पर एकत्रित हो गए उसके बाद पांवटा साहिब के बांगरण चौक और गोविंदघाट बैरियर पर उग्र प्रदर्शन हुआ, जहां चंडीगढ़-देहरादून नेशनल हाईवे को जाम कर दिया गया और गौवंश के अवशेष सड़क पर रखकर आक्रोश जताया गया। हिंदूवादी संगठनों ने हरबर्टपुर चौक पर भी चक्का जाम कर दिया और प्रशासन को दोपहर 3 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और सार्वजनिक रूप से पेश करने, क्षेत्र में रह रहे बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन करने, अवैध रूप से रह रहे लोगों पर कार्रवाई करने और गुज्जर समुदाय के संदिग्ध लोगों की जांच करने की मांग की। साथ ही, घटनास्थल के पास स्थित क्रशर प्लांट के सीसीटीवी फुटेज की जांच की भी मांग उठाई गई। देर रात तक माहौल तनावपूर्ण रहा और उच्च अधिकारी भी मौके पर स्थिति को संभालते नजर आए।