व्यूरो रिपोर्ट
हरियाणा में अब अनैतिक कार्यों व गड़बड़ी आदि के लिए आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने एक वर्ग के लिए इसे आहत करने वाला बताते हुए इस शब्द के प्रयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस शब्द से संत गोरखनाथ जी के अनुयायी आहत होेते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह निर्णय गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के उनसे मुलाकात करने के बाद लिया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री मनोहरला से कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल आहत करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से हरियाणा में इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस शब्द के नकारात्मक अर्थ निकालने से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि गुरु गोरखनाथ एक संत थे और किसी भी राजभाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए किसी भी संदर्भ में इस शब्द का उपयोग राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है|
अब निजी एजेंसियों के जरिये नहीं होंगी चौकीदार, सफाई कर्मचारी और माली की नियुक्तियां
दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने हरियाणा में नए खुले 137 राजकीय माडल संस्कृति स्कूलों में ठेके पर चतुर्थ श्रेणी स्टाफ रखने पर विवाद छिड़ने के बाद ने फैसला बदल लिया है। अब निजी एजेंसियों के जरिये चौकीदार, सफाई कर्मचारी और माली की नियुक्तियां नहीं होंगी। स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं।
इससे पहले विगत 13 अगस्त को निदेशक की ओर से आदेश जारी कर सभी माडल संस्कृति स्कूलों में डीसी रेट पर एक चौकीदार, एक सफाई कर्मचारी कम हाउस कीपर और एक माली रखने के निर्देश जारी किए थे। इस आदेश के बाद विवाद छिड़ गया था। बुधवार को शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला वापस ले लिया। सभी स्कूल मुखियाओं को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में कच्चे कर्मचारियों की ज्वाइनिंग न कराई जाए।