स्कूलों के लगातार बन्द रहने से विधार्थी भूल जाएंगे कक्षा और शिक्षा संस्थानों का नाम

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कोटला- स्वयंम

पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं वर्तमान उपप्रधान पंचायत डोल भटहेड़ साधू राम राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि पिछले दो वर्षों से कुछ आंशिक अवधि को छोड़कर कर देखा जाए तो सरकारी एवं प्राईवेट शिक्षा संस्थान बन्द पड़े हैं। जिसके कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई के नुकसान के साथ साथ इस विषय पर भी याददाश्त कम होने लगी है कि बह कौन से स्कूल में कौन सी कक्षा में पढ़ते हैं।

क्योंकि प्रायः देखा गया है कि जब-जब भी स्कूलों को खोलने की शुरुआत होती है तो हमारे राजनीति दल विशेष कर सत्ता पक्ष ताबड़तोड़ रैलियां के कार्यक्रमों का आयोजन बहुत ही जोर-शोर से शुरू करते हुए अनगिनत लोगों की भीड़ जुटाकर क्रोना को बढ़ावा देने का काम करते हैं और यूं ही क्रोना के आंकड़े बढ़ना शुरू होते हैं तो सर्वप्रथम शिक्षा संस्थानों पर ही बंद होने की गाज गिरती है।

अतः इस कारण जो बच्चे पिछले दो सालों में स्कूलों में दाखिल हुए हैं उन्हें देखा जाए तो कक्षा और स्कूल की जानकारी लगभग शून्य के बराबर ही रखते हैं कि बह कौन से स्कूल में किस कक्षा के छात्र हैं। अतः सरकार शिक्षा संस्थानों में बच्चों को चाहे इवन ओड में ही बुलाया जाए लेकिन शिक्षा संस्थानों को लगातार बंद न करें ताकि विधार्थियों को कम से कम कक्षा और स्कूल की जानकारी तो रहे।

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