शिमला, जसपाल ठाकुर

राजधानी शिमला में कई लोग अब भी अपनी जान को जोखिम में डाल कर असुरक्षित भवनों में रह रहे हैं। नगर निगम के नोटिस देने के बावजूद भवनों को खाली नहीं किया जा रहा है। शिमला में सोमवार रात इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) अस्पताल के नजदीक एक दोमंजिला असुरक्षित भवन गिर गया। आइजीएमसी से शिमला की ओर आने वाले रास्ते पर मनचंदा दवा की दुकान के बिल्कुल सामने बना कल्याण भवन गिर गया।

इस भवन को नगर निगम ने कई साल पहले से असुरक्षित घोषित कर दिया था, लेकिन किरायेदार और मालिक के विवाद के चलते इस भवन को गिराया नहीं जा सका। भवन में एक ही व्यक्ति रहता था और हादसे से पहले घर से निकल गया गया। बीती रात पुराना लकड़ी से बना हुआ भवन पूरी तरह से मिट्टी बन गया। शहर में कई ऐसे भवन हैं, जिन्हें नगर निगम ने असुरक्षित घोषित किया है।

शहर में 150 भवनों को किया है असुरक्षित घोषित

नगर निगम शिमला ने 150 से ज्यादा भवनों को असुरक्षित घोषित किया है। इन भवनों में लोगों को रहने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन अधिकतर मामलों में विवाद न्यायालय तक पहुंचने के चलते इन्हें खाली नहीं करवाया जा सकता है। इसलिए निगम के असुरक्षित घोषित होने के बावजूद इन भवनों में लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं।

नियमों के तहत काटा जा सकता है बिजली व पानी

नियमों के मुताबिक निगम इनके बिजली व पानी के कनेक्शन काट सकता है, लेेकिन किरायेदार व मकान मालिक के बीच में चल रहे विवाद के चलते निगम कार्रवाई नहीं कर सकता है।

हर बरसात में कई भवन घोषित होते हैं असुरक्षित

नगर निगम शिमला हर बरसात से पहले भवनों को असुरक्षित घोषित करता है। इस बार भी करीब 24 लोगों ने अपने भवनों को असुरक्षित घोषित करने के लिए आवेदन कर रखा है। निगम की कमेटी इन भवनों का निरीक्षण करने के बाद अब इन्हें अनसेफ घोषित करेगी। इसके लिए निगम प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।