जब वाइल्ड लाइफ एरिया के ऐसी गतिविधि करवाना प्रतिबंधित तो कैसे करवाई गई मोटर पैराग्लाइडिंग–
देहरा – व्युरो
वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर मोटर पैराग्लाइडिंग करवाने को लेकर सवालिया निशान लग गए हैं तथा पर्यटन विभाग की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी संस्थान मनाली द्वारा 12 मई को करवाए गए मोटर पैराग्लाइडिंग ट्रायल करवाने पर सवालिया निशान लग गए हैं।
मौके पर आई टेक्निकल टीम ने इस इको सेंसटिव जोन में प्रशासन के आदेशानुसार ट्रायल करवाया और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मोटर पैराग्लाइडिंग द्वारा हवा में उड़ने का लुत्फ भी उठाया गया।
एक तरफ तो साफ निर्देश हैं कि वन्य प्राणी विभाग पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए जिससे प्रवासी पक्षियों को कोई नुकसान हो लेकिन ऐसे में मोटर पैराग्लाइडिंग कैसे हुई है क्योंकि इसकी मोटर में डीजल इंजन लगा हुआ था तथा इससे ध्वनि भी निकल रही थी जोकि नियमों के अनुसार गलत है।
बुद्धिजीवियों ने कहा कि पौंग झील का क्षेत्र गुलेर, नगरोटा सूरियां, फतेहपुर, देहरा, जवाली इत्याद में फैला हुआ है तो इन सभी जगहों को छोड़कर आखिरकार विभाग ने ख़ैरियां के कोहली नामक स्थान को ही क्यों चिन्हित किया। इसमें कहीं न कहीं राजनीतिक झलक दिखाई दे रही है जबकि इको सेंसटिव जोन को छोड़कर कर ज्वाली, नगरोटा सूरियां या फतेहपुर में भी पर्यटन के साधन विकसित किए जा सकते हैं।
बुद्धिजीवियों ने कहा कि इस ट्रायल में देहरा के विधायक होशियार सिंह का शामिल होना ही राजनीति रंग का प्रमाण है। बुद्धिजीवियों ने बताया कि देहरा के विधायक होशियार सिंह ने सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसा करवाया है।
वहीं पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा ने बताया कि कुछ पक्षी यहां पूरा साल रहते हैं जोकि पौंग झील के आसपास के क्षेत्रों में विचरण करते हैं लेकिन पौंग झील के समीप की जा रही अवैध गतिविधियों से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वन्यजीव परिक्षेत्र में ध्वनि ,वायु, जल प्रदूषण से संबंधित कोई भी गतिविधि नहीं करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ शिकायत की जाएगी।
जिला पर्यटन अधिकारी के बोल
इस बारे में जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने बताया कि अमर सन्स रिसोर्ट की ओर से प्रस्ताव आया था जिसके तहत एक टेक्निकल टीम ने मौका किया है। उन्होंने कहा कि ये भूमि वाइल्ड लाइफ की बताई जा रही है जिस वजह से दिक्कतें आ रही हैं। फिलहाल टेक्निकल टीम जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगी तथा साथ ही वाइल्ड लाइफ विभाग से भी इस बारे बात की जाएगी।
पूर्व मंत्री रमेश चंद धवाला के बोल
पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने कहा कि जिस क्षेत्र में पर्यटन से सम्बंधित गतिविधि हुई है वह क्षेत्र वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी व बीबीएमबी का है उस क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियां नहीं करवाई जा सकती। उन्होंने बताया कि देहरा के विधायक द्वारा ऐसी गतिविधियां करवाकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा है।
डीएफओ रेजीनोड रोयस्टोन के बोल
इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि पर्यटन विभाग के द्वारा इको सेंसटिव रहित भूमि का निरीक्षण टेक्निकल टीम के द्वारा किया जा रहा है अगर संभावना बनती भी है तो केवल वाटर गेम्स ही करवाई जा सकती हैं। मोटर पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों नहीं करवाई जा सकती।
अभी टेक्निकल टीम की रिपोर्ट आनी है तथा किसी को किसी प्रकार की गतिविधि करने की परमिशन नहीं है। अगर कोई ऐसी गतिविधि करता हुआ पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।