शिमला- जसपाल ठाकुर
हिमाचल में लंबी चर्चा के बाद प्री-नर्सरी टीचर की भर्ती को लेकर बहुत सी स्थितियां स्पष्ट हो गई हैं। तय हुआ है कि ये नियुक्तियां रेगुलर नहीं होंगी, यानी इसके लिए कोई भर्ती नियम नहीं बनाए जाएंगे, बल्कि एक स्कीम बनाकर नियुक्तियां की जाएंगी।
इसका अर्थ यह हुआ कि प्री-नर्सरी टीचर अस्थायी कर्मचारी होंगे। भारत सरकार से मिली अनुमति के अनुसार कुल 4787 पद भरे जाएंगे और प्रतिमाह 10000 रुपए का कुल वेतन प्रति शिक्षक मिलेगा।
अब तक तय हुई प्रक्रिया के अनुसार इस कैटेगरी में सीधी भर्ती के लिए नर्सरी टीचर ट्रेनिंग यानी एनटीटी और अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड एजुकेशन यानी ईसीसीई कोर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
कुल पदों में से 70 फीसदी सीधी भर्ती की इसी प्रक्रिया के तहत भरे जाएंगे। यदि इन दो वर्गों में से टीचर नहीं मिलेंगे, तो ही डीएलएड को पात्रता दी जाएगी। ये नियुक्तियां जिला स्तर पर होंगी। एनसीटीई के नियमों के अनुसार अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष मानी जाएगी।
प्री नर्सरी टीचर तीन से छह साल के बच्चों को पढ़ाएंगे और उसके बाद इनकी स्कूलिंग शुरू होगी। वर्तमान में राज्य सरकार ने करीब 4000 स्कूलों में प्री-नर्सरी टीचिंग शुरू करने का फैसला लिया है, जिसके लिए यह भर्ती अब होगी।
शिक्षा सचिव राजीव शर्मा और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की निदेशक राखिल काहलों के बीच हुई बैठक के बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए यह प्रक्रिया तय हुई है। अब भर्ती स्कीम का ड्राफ्ट बनाया जा रहा है, जिसकी अनुमति फिर कैबिनेट से ली जाएगी।
कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद ये भर्तियां शुरू होंगी। माना जा रहा है कि नियुक्ति के लिए कमेटी भी जिला स्तर पर बनेगी। हालांकि कैबिनेट में मामला जाने तक इस स्कीम में और क्या बदलाव होते हैं, वह भी देखना होगा।
आंगनबाड़ी वर्कर्ज को आयु सीमा में छूट
प्री-नर्सरी टीचर्स के कुल 4787 पदों में से 30 फीसदी आंगनबाड़ी वर्कर्स को प्रमोशन कोटा के तहत दिए जाएंगे, लेकिन इनकी पात्रता भी अलग से तय होगी। जिला स्तर पर प्लस टू पास आंगनबाड़ी वर्कर, जिनका अनुभव 10 साल से ज्यादा का होगा, वह प्री-नर्सरी टीचर के लिए पात्र होंगे और इन्हें 39 साल की आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी। केंद्र सरकार से मिली अनुमति के अनुसार प्रति शिक्षक 10000 रुपए वेतन ही तय हुआ है।