हमीरपुर,व्यूरो
क्या आपने कभी सुना या देखा है कि किसी पेड़ को डोरी बांधने या किसी चट्टान पर खून चढ़ाने से कोई बीमारी ठीक हो जाए। यदि नहीं तो आइए हम आपको ले चलते हैं हमीरपुर जिला के भोटा के नजदीक स्थित दैण गांव में, जहां काफी वर्षों पुराना चीड़ का हरा-भरा पेड़ है जो आज तक नहीं सूखा है।
बताया जाता है कि यह पेड़ पांडव काल से यहां पर मौजूद है। मान्यता है कि इस पेड़ को डोरी बांधने से मस्सों की बीमारी ठीक हो जाती है। यहां काफी संख्या में लोग अपने मस्सों को ठीक करवाने के लिए पहुंचते हैं। चीड़ के पेड़ के साथ एक चट्टान भी है, जहां पर मस्से की निशानियां भी देखी जा सकती हैं।
दैण गांव के ग्रामीणों का कहना है कि यह काफी वर्षों पुराना चीड़ का पेड़ है और उसके साथ एक चट्टान भी है, वहां पर मस्से का खून लगाया जाता है और चीड़ के पेड़ पर डोरी बाधंकर पूजा-अर्चना की जाती है और मन में प्रार्थना की जाती है कि जब भी मस्से ठीक हो जाएंगे तो यहां पर एक नमक का पैकेट चढ़ाएंगे।
ये भी बताया जाता है कि यहां पर चीड़ के पेड़ की पूजा-अर्चना के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा जाता, नहीं तो मस्सों का उपचार नहीं होगा। इस चीड़ के पेड़ व चट्टान का क्या रहस्य है, इसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है।