लुधियाड़ में 90 घरों के करीब 700 लोगों की समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीण मायूस, ग्रामीणों ने चेताया अगर सड़क सुबिधा बहाल नहीं हुई तो करेंगे चुनावो का वहिष्कार।
ज्वाली – शिबू ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के मंत्री चंद्र कुमार के गृह विधानसभा क्षेत्र ज्वाली में विकास कोसों दूर है। जिसका प्रमाण पंचायत लुधियाड में देखने को मिलता है। पंचायत लुधियाड के लुधियाडवासी आजादी के 75 साल बाद भी सड़क सुविधा से वंचित हैं।
आज भी मरीजों को कंधे पर उठाकर या चारपाई में लेटाकर करीबन एक किलोमीटर दूर पक्की सड़क तक लाना पड़ता है। तब जाकर एंबुलेंस की सुविधा नसीब हो पाती है। ऐसा ही एक मामला गत रविवार को दोपहर करीब एक बजे देखने को मिला।
जब 65 बर्षीय राम प्यारी अचानक बीमार हो गई। जिसे चारपाई पर उठाकर करीब दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया। तब जाकर एंबुलेंस सुविधा नसीब हुई। कुछ साल पहले इस गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण के प्रयास तो हुए लेकिन आज तक पक्की सड़क ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पाई है।
इस गांव को जोड़ने के लिए सरोला-लुधियाड़ गांव से होकर कच्ची सड़क जाती है। जिसको सालों बीत जाने के बाद भी पक्का नहीं किया गया है। लुधियाड़ गांव में 90 घरों के करीब 700 लोगों की समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीण मायूस हैं तथा सरकारों व राजनेताओं के खिलाफ रोष है।
लोगों ने कहा कि इस मार्ग पर पुल का निर्माण सीपीएस नीरज भारती ने करवाया था जबकि सड़क का शिलान्यास भाजपा के विधायक अर्जुन सिंह ने किया था। लोगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि कई बार सरकार से भी सड़क को पक्का करवाने की गुहार लगाई है लेकिन सड़क पक्की नहीं होने से ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस बार लोस चुनाव में उसी को वोट देंगे जो सड़क को पक्का करवाएगा अन्यथा चुनाव का वहिष्कार किया जाएगा।
अधिशाषी अभियंता रवि भूषण के बोल
इस बारे में लोक निर्माण विभाग ज्वाली के अधिशाषी अभियंता रवि भूषण से बात हुई तो उन्होंने बताया कि यहां पर वन विभाग की जमीन पड़ती है, जिस कारण सड़क नहीं बन पा रही है।