बाहरा यूनिवर्सिटी रैगिंग केस : दो और छात्र गिरफ्तार, एंटी रैगिंग कमेटी पर उठ रहे सवाल

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सोलन – रजनीश ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के कंडाघाट स्थित बाहरा यूनिवर्सिटी में रैगिंग के मामले में पुलिस ने आज दो और छात्रों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी तीन छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घटना ने यूनिवर्सिटी में सुरक्षा और एंटी रैगिंग कमेटी की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

गिरफ्तार छात्रों की पहचान कार्तिक (19), पुत्र प्रवीण कुमार, निवासी सुनारली, घुमारवीं, जिला बिलासपुर और सक्षम (22 ) पुत्र राम लाल निवासी पलाना, ठियोग, जिला शिमला के रूप में हुई है। ये दोनों छात्र भी यूनिवर्सिटी के ही हैं।

एंटी रैगिंग कमेटी की निष्क्रियता पर सवाल

इस घटना के बाद से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी निष्क्रिय थी, यह मामला एक दिन का नहीं था, बल्कि लंबे समय से चल रहा था, जिसके बावजूद समय रहते इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

अमन काचरू केस के बाद प्रोफेशनल कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन अनिवार्य किया गया था, ताकि रैगिंग जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। लेकिन देखने में आ रहा है कि अब संस्थानों में यह केवल औपचारिकता के लिए बनाई जाती हैं।

कमेटी के सदस्यों को छात्रों के हॉस्टल (Hostel) में समय- समय पर निरीक्षण भी करना होता है। लेकिन यहां तो हॉस्टल के कमरों में शराब आसानी से पहुंच रही थी। लिहाजा सवाल उठना लाजमी है।  इस मामले की गंभीरता इस वजह से भी है क्योंकि पीड़ित छात्र से मारपिटाई के वीडियो भी वायरल (Viral Video) हो रहे है।

इस मामले में पहले ही तीन छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अब दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस संलिप्तता की जांच कर रही है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए इन छात्रों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है और उनके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जा सकती है।

पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस वारदात में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस की तफ्तीश से यह भी सामने आएगा कि क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन और एंटी रैगिंग कमेटी ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से किया या नहीं। एसपी गौरव सिंह ने कहा कि गहनता से जांच चल रही है।

बहरहाल, इस मामले ने एक बार फिर से रैगिंग जैसी गंभीर समस्या की  तरफ ध्यान आकर्षित किया है। बाहरा यूनिवर्सिटी में हुई इस घटना ने शिक्षण संस्थानों के लिए एक सबक छोड़ा है कि सुरक्षा उपायों को हल्के में न लिया जाए और एंटी रैगिंग नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए।

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