कैबिनेट में होगा फैसला, गैर कानूनी तरीके से अपनाने पर नजर
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश मेंं होम स्टे इकाइयों पर सरकार कड़ी शर्तें लगाएगी। प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से भी कई होम स्टे इकाईयां चल रही हैं, जिनसे सरकारी खजाने को कुछ नहीं मिल रहा और नियमों की भी अवहेलना हो रही है।
ऐसे में राज्य सरकार ने एक कैबिनेट सब -कमेटी बनाई थी जिसकी सिफारिश आ गई हैं। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए पर्यटन विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव भेज रहा है और इसी कैबिनेट में 22 अक्तूबर को होम स्टे पॉलिसी पर सरकार फैसला लेगी।
राज्य में 2008 में होम स्टे के लिए नियम बनाए गए थे जिसके बाद अब सरकार नए सिरे से पॉलिसी बनाने जा रही है। इसी पॉलिसी के तहत यहां पर होम स्टे चलेंगे। यह नियम ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी लागू होंगे और सभी को पंजीकरण करवाना होगा।
सरकार इसमें पंजीकरण की फीस भी बढ़ाने जा रही है, जो कैबिनेट तय करेगी। इसके अलावा कई दूसरे शर्तों को भी इसमें समाहित किया जाएगा जैसा सब-कमेटी ने सुझाव दिया है।
बाहरी लोग घर बनाकर चला रहे कारोबार
अहम बात है कि बाहरी राज्यों के लोग जिन्होंने धारा-118 के तहत हिमाचल में जमीन खरीद कर उस पर मकान बनाया है, उनमें से भी कुछ लोग इसका उपयोग होम स्टे के लिए कर रहे हैं और कमाई करने में लगे हैं।
सरकार के पास ऐसी शिकायतें हैं, जिसके बाद ऐसे लोगों पर पाबंदी लगाने की तैयारी है। यदि कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान इस पॉलिसी में किया जा रहा है।
पर्यटन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। 22 अक्तूबर को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी।
गांव और शहर में शुल्क दरे अलग-अलग
होम स्टे के लिए अब पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा। पंजीकरण शुल्क भी तय होगा। गांव व शहर के क्षेत्रों में यह दर अलग-अलग होगी। इनमें जो बिजली व पानी की दर होगी वह व्यवसायिक रहेगी।
यदि कोई व्यक्ति अपने घर में होम स्टे चला रहा है, तो पानी व बिजली का मीटर उसके लिए अलग लेना पड़ेगा। घर में उसे घरेलू दर पर बिजली व पानी मिलेगा लेकिन, जिसमें होम स्टे चल रहा है वह व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल होगा। लिहाजा कॉमर्शियल कनेक्शन से ही काम चलाना पड़ेगा।
पर्यटन विभाग तय करेगा किराया
होम स्टे का किराया अब पर्यटन विभाग तय करेगा। पहले की तरह किराया फिक्स नहीं होगा। जिला पर्यटन अधिकारी होम स्टे का निरीक्षण करेंगे। वहां पर जो सुविधा है, उसके अनुसार ही किराया तय होगा। हिमाचल में 4300 के करीब होम स्टे पंजीकृत हैं। पांच हजार से अधिक होटल हैं जो कि सरकार को कई तरह का शुल्क चुकाते हैं।
शिमला सहित जिला मुख्यालयों के आसपास सैकड़ों होम स्टे खुल चुके हैं और लगातार खुलते जा रहे हैं। अभी तक इन्हें घरेलू दरों पर सस्ती बिजली और पानी की सुविधा प्राप्त है लेकिन नई नीति में होम स्टे संचालकों को व्यवसायिक दरों पर बिजली-पानी का भुगतान करना पड़ेगा।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी करेंगे जांच
वर्ष 2008 में होम स्टे नीति बनाई गई थी। युवाओं को स्वरोजगार देने के मकसद से तत्कालीन सरकार यह नीति लाई थी। पहले इसमें तीन कमरों में होम स्टे चला सकते थे, बाद में इसे बढ़ाकर पांच कमरों तक किया था।
होम स्टे के संचालक अपने हिसाब से किराया वसूल करते हैं, मगर उस पर सरकार को उस तरह से टैक्स नहीं मिलता, जो मिलना चाहिए। ऐसे में यहां पर मौजूद सभी होम स्टे का निरीक्षण जिला पर्यटन विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा और वे मौके पर जाकर सभी व्यवस्थाओं को देखने के बाद किराया तय करेंगे।