पहाड़ी लोगों की आय के प्रमुख स्त्रोत गुच्छी पर चीनी गुच्छी की सेंध

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शिमला – नितिश पठानियां

दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार हिमाचल की गुच्छी चीन द्वारा तैयार की जा रही अपनी गुच्छी के आगे बौनी साबित हो गई है। किसी समय 40 से 50 हजार रुपए प्रतिकिलो तक बिकने वाली गुच्छी के दाम आज के दौर में अनाज मंडी शिमला में 5 हजार रुपए प्रतिकिलो भी नहीं मिल रहे हैं।

चीन पिछले दो-तीन वर्षों से अपनी स्वयं की गुच्छी तैयार कर रहा है, जो हिमाचल की गुच्छी से देखने में भी बहुत अच्छी है और इसके दाम भी बहुत कम हैं। चीन इसका अन्य देशों में भी निर्यात कर रहा है जिससे हिमाचल की गुच्छी के दाम फीके पड़ गए हैं।

किसी समय यह हिमाचल के पहाड़ी इलाकों के लोगों की आय का मुख्य स्त्रोत होती थी और बैसाख की संक्रांति से शुरू होने वाले लोकल त्यौहारों, पर्वों यानी बीशू के लिए कपड़े आदि की खरीद के लिए गुच्छी एकमात्र साधन मानी जाती थी लेकिन आज के दौर में गुच्छी का आलम यह है कि इसके 5 हजार रुपए प्रतिकिलो भी दाम नहीं मिल रहे हैं।

कई बीमारियों के लिए रामबाण मानी जाती है गुच्छी

डाक्टरों के अनुसार गुच्छी चमत्कारी और औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें आयरन, विटामिन बी और सी के अलावा अमीनो एसिड और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें लो फैट और हाई एंटी ऑक्सीडैंट्स फाइबर होते हैं। विशेषकर हृदय रोगियों के लिए गुच्छी मशरूम संजीवनी है।

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