पहली कक्षा में प्रवेश की नई अधिसूचना दो साल से स्कूल जा रहे बच्चों पर न हो लागू, अभिवावकों ने विधायक केवल पठानिया को दिया ज्ञापन, बोले अभिवावक,प्रवेश की नई अधिसूचना इस सत्र से नर्सरी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू हो।
शाहपुर – नितिश पठानियां
पहली कक्षा में प्रवेश की आयु सीमा छह वर्ष निर्धारित करने की अधिसूचना के विरोध में अभिभावकों ने आज विधानसभा उप मुख्य सचेतक केवल पठानिया के ज्ञापन दिया है।
अभिवावकों शालिनी, अभिषेक, अनुराधा,पारुल मंजू,शिखा अमित आदि ने बताया कि सरकार ने 24 नवंबर 2023 को अधिसूचना जारी कर पहली कक्षा में प्रवेश की आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित कर दी है।
सरकार की इस अधिसूचना से 2 वर्ष से लगातार नर्सरी व केजी पढ़ रहे बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। उन बच्चों को इस वर्ष भी उसी कक्षा में बैठना होगा, जिस कक्षा में वे पिछले एक वर्ष से थे, क्योंकि उनका दाखिला स्कूल में उस समय करवा दिया गया था, जब पहली कक्षा में प्रवेश की तिथि 5 वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित की गई थी।
अभिभावकों ने अपने बच्चों को पूरे वर्ष स्कूल में भेजा व उनकी फीस भी दे दी, परंतु बच्चों को कोई भी फायदा पूरे वर्ष में नहीं मिल पा रहा है।
सरकार की इस अधिसूचना जारी होने के बाद भी स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से जनवरी, फरवरी या मार्च की फीस के साथ परीक्षा शुल्क की भी पूरी वसूली की गई है, जबकि स्कूलों को उन बच्चों की फीस माफ करनी चाहिए थी या अभिभावकों को उसी समय अवगत भी करवा देना चाहिए था।
उंन्होने बताया कि सरकार के इस नियम से स्कूलों को फायदा दिया गया है, उनकी एक क्लास बढ़ा दी गई है, जिसकी जरूरत बिल्कुल भी नहीं है, जबकि आज तक 5 वर्ष पूर्ण किए बच्चे ही पहली कक्षा में प्रवेश का अधिकार रखते थे।
उनका कहना है कि सरकार के इस नियम से प्रति माह शुल्क, प्रवेश शुल्क और उसके अतिरिक्त परीक्षा शुल्क या बच्चे का एक वर्ष देकर अभिभावक खुद व बच्चे को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई है कि दो वर्ष से स्कूल जा रहे बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश का अवसर दिया जाए या दी गई छूट में एक या दो महीने की अतिरिक्त छूट दी जाए, ताकि बच्चों को उनके एक वर्ष का तथा अभिभावकों को उनके द्वारा दी गई फीस, प्रवेश शुल्क व परीक्षा शुल्क का लाभ मिल सके। नई अधिसूचना को उनके लिए लागू किया जाए जो बच्चे इस वर्ष नर्सरी में प्रवेश लेंगे।