ऊना- अमित शर्मा
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में घायल हुई दो महिलाओं ने चंडीगढ़ के पीजीआई में दम तोड़ दिया। अब हादसे में मरने वालों की कुल संख्या आठ हो गई है। हादसे के बाद कुल 11 घायलों को चंडीगढ़ रैफर किया गया था। इनमें से 8 का इलाज एडवांस ट्रामा सेंटर में चल रहा है।
फेक्टरी में हुए हादसे में कुछ घायल महिलाएं 90 फीसदी से ज्यादा जल चुकी हैं। इनकी हालत नाजुक बनी हुई है। अब तीन और महिलाओं की मौत हो गई है, इनमें से अशकारी (40) और जाफरी की मौत हो गई है।
फैक्टरी में हुए ब्लास्ट से 70 फीसदी से अधिक शरीर झुलस जाने के कारण दो महिलाओं और एक पुरुष को और एडवांस ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है। फैक्टरी में ब्लास्ट होने की वजह से पटाखों के छर्रे घायलों की शरीर में लगे हैं, जिसकी वजह से हालत बेहद ही नाजुक है।
वहीं, डॉक्टर अन्य मरीजों का इलाज कर रहे हैं। जिनमें से एक और महिला की हालत भी नाजुक बनी हुई है। इस हादसे में जिन तीन मरीजों की 90 फीसद से अधिक बर्न इंजरी हुई है, उनमें पटाखा फैक्टरी में काम करने वाली 40 साल की नसरीन भी शामिल है, जिसका इलाज चल रहा है। पीड़ित महिला को एडवांस ट्रामा सेंटर के बर्न इंजरी आइसीयू में रखा गया है।
30 फीसद से अधिक बर्न इंजरी को माना जाता है क्रिटिकल
पीजीआइ के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर अतुल पराशर ने बताया कि किसी भी हादसे में अगर व्यक्ति का शरीर 30 फीसद से अधिक झुलस जाए या जल जाए तो उसे क्रिटिक्ल कंडीशन माना जाता है। इस हादसे में घायल जिन आठ मरीजों को पीजीआइ के एडवांस ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है, उनमें से तीन महिलाएं 90 फीसद से अधिक झुलस चुकी हैं, इनकी जान बचाना डॉक्टरों के लिए एक बड़ी चुनौती है।